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बंद आंखों से विकास का संजोया सपना, लाल जी ने कराया प्रधानी का नामांकन

अजय सिंह — करीब 40 साल से दुनिया को नहीं देख पाने से अधिक भ्रष्टाचार का है गम कानपुर, 04 अप्रैल (हि.स.)। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में प्रधान पद के लिए जो चुनावी माहौल है वह शायद ही किसी अन्य पद के लिए हो। प्रधान बनने की ख्वाहिस लिए लगभग सभी उम्मीदवार खुली आंखों से ग्राम पंचायत को टोक्यो बनाने का वादा कर रहे हैं, लेकिन रविवार को एक ऐसे व्यक्ति ने प्रधान पद के लिए नामांकन कराया जो 40 सालों से दुनियां को ही नहीं देख पा रहा है। इसके बावजूद वह गांव में विकास का ऐसा सपना संजोया है कि सुनने वाले भी अचंभित रह गये। कल्याणपुर ब्लॉक में रविवार को दूसरे दिन क्षेत्र पंचायत सदस्य, ग्राम पंचायत सदस्य और ग्राम पंचायत प्रधान पद के लिए नामांकन प्रक्रिया प्रशासन द्वारा कराई गयी। यहां पर नामांकन कराने आ रहे उम्मीदवार फोन से अपने लोगों के बीच विकास का दावा करते दिखे। इसी बीच रामपुर खास के रहने वाले लाल जी कमलवंशी अंकिता कमल के साथ ब्लॉक के दरवाजे पर पहुंचे। अंकिता कमल के कंधे पर हाथ रखे लाल जी को गेट पर रोका गया तो बेटी अंकिता कमल ने नामांकन पत्र दिखाते हुए कहा कि प्रधान पद के उम्मीदवार हैं। यह देख वहां पर मौजूद सभी लोग देखते रह गये। बेटी के सहारे इस काउंटर से उस काउंटर तक लाल जी अपने दस्तावेज सही कराते रहे और बेटी लिखा पढ़ी करती रही। सभी जगहों पर जो भी रुपया लगता था उसको लालजी खुद अपनी जेब से निकाल कर गिनकर बेटी को दे रहे थे। इस पर हिन्दुस्थान समाचार प्रतिनिधि की नजर पड़ी तो उनसे खास बातचीत की। लाल जी कमलवंशी ने बताया कि जब मेरी उम्र 14 साल की थी तभी मेरी आंखों की रोशनी चली गयी। करीब 40 साल से दुनिया को नहीं देख पा रहा हूं, इससे सिर्फ अंदाजा लगाता ही लगा सकता हूं कि कानपुर कितना बदल गया है। जब उनसे पूछा गया कि प्रधान क्यों बनना चाहते हैं तो उन्होंने कहा कि गांव में विकास के नाम पर हर चुनाव में उम्मीदवार वादा करते हैं, पर जीतने के बाद वह अपनी सिर्फ जेब भरने का काम करते हैं। यही नहीं इस भ्रष्टाचार में सचिव से लेकर अधिकारियों की भूमिका कहीं न कहीं रहती है। जिसको योजनाओं का लाभ मिलना चाहिये उसको नहीं मिल पा रहा है। इसका खुद मैं उदाहरण हूं। सरकार की योजनाओं में भ्रष्टचार को देख तो नहीं सकता पर महसूस जरुर कर रहा हूं और इसी को लेकर मुझे गम रहता है कि क्यों सरकार की योजनाओं को सही ढंग से क्रियान्वित नहीं किया जा रहा है। बंद आंखों से गांव में बेहतर विकास का सपना लेकर प्रधान पद के लिए नामांकन करा रहा हूं। उम्मीद है कि ग्राम पंचायत के लोग मेरे सपने को जरुर साकार करेंगे। हिन्दुस्थान समाचार/

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