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पर्यटन से जुड़े व्यवसायियों के सामने गहराया संकट

आगरा, 02 जून (हि.स.)। ताजनगरी के हजारों लोगों की रोजी-रोटी का पर्यटन उद्योग ही जरिया है। पिछले दो साल से पर्यटन क्षेत्र की हालत बहुत खराब है। लोगों के सामने परिवार चलाने का संकट खड़ा हुआ है। बुधवार को इस सम्बंध में नेशनल चैंबर संस्था अध्यक्ष मनीष अग्रवाल की अध्यक्षता में एक वर्चुअल बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में वक्ताओं ने कहा कि पर्यटन उद्योग से जुड़े सभी लोगों को वैक्सीनेशन जरूरी है। साथ ही एकजुट होकर इस महामारी को हराना है, तभी उद्योग पटरी पर आ सकेगा। जीएसटी से पूर्व हस्तशिल्प करमुक्त था लेकिन अब 12 प्रतिशित जीएसटी लग रही है। व्यापारी परेशान हैं। संस्था के पर्यटन विकास चेयरमेन राजीव तिवारी ने संचालन करते हुए कहा कि लगातार स्मारक बंद होने से काफी नुकसान हो रहा है। अध्यक्ष मनीष अग्रवाल ने कहा कि पर्यटन उद्योग को लेकर सरकार की ओर से कोई राहत नहीं दी जा रही है। टूरिज्म गिल्ड के अध्यक्ष हरी सुकुमार ने कहा कि कोरोना कल में यह क्षेत्र सर्वाधिक प्रभावित रहा है। इसे सर्वाइव करने की जरुरत है। पर्यटन क्षेत्र से जुड़े होटल एवं सभी संस्थानों से बिजली के फिक्स्ड चार्ज को हटाया जाए। अप्रूव्ड गाइड एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय शर्मा ने कहा कि कोरोना काल में सरकार द्वारा पर्यटन उद्योग को कोई राहत पैकेज की घोषणा नहीं की गई है। माधव कटारा ने कहा कि कोरोना काल में पर्यटन उद्योग बंद रहने से बुरी स्थिति में है। पर्यटन क्षेत्र से जुड़ी संस्थाओं ने जो ऋण ले रखा है, वो भी बड़ी परेशानी का सबब है। सुनील चंद गुप्ता ने कहा कि नेशनल चैंबर की पर्यटन समिति की बैठक एक निश्चित अंतराल पर आयोजित करते रहना चाहिए, जिससे कार्यवाही में निरंतरता बनी रहे। पर्यटन व्यवसाई अशोक जैन ने बताया कि पर्यटन उद्योग से जुड़े 95 प्रतिशत लोगों को कोई काम नहीं है। अनूप गोयल ने बताया कि हस्तशिल्प पर जीएसटी से पूर्व किसी भी प्रकार का कोई कर नहीं था, अब 12 प्रतिशत है। बैठक में चैंबर के उपाध्यक्ष अनिल अग्रवाल, कोषाध्यक्ष गोपाल खंडेलवाल, प्रह्लाद अग्रवाल, अशोक कुमार जैन, हरी सुकुमार, संजय शर्मा, अनूप गोयल, सुनील चंद गुप्ता, माधव कटारा व अन्य व्यवसायी मौजूद रहे। हिन्दुस्थान समाचार/श्रीकान्त/विद्या कान्त

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