जरूरतमंदों के काम आना इंसानियत की सबसे बड़ी पहचान : मौलाना अब्दुल्लाह कासमी
— उम्मत के हर व्यक्ति का फर्ज है वह जरूरतमंदों को देखे और उसकी मदद करें — जमीअत उलमा कानपुर के द्वारा मौलाना मुबीनुल हक चौक जाजमऊ में गरीबों में लिहाफ व कम्बल किए वितरित कानपुर, 28 दिसम्बर (हि.स.)। अल्लाह तआला ने इन्सान को दुनिया में आपसी लगाव और मुहब्बत देकर पैदा फरमाया है। इंसान बना ही इंसानियत से है। जिस इंसान में एक—दूसरे शख्स से लगाव ना हो, वह नाम का तो इंसान हो सकता है लेकिन वास्तव में वह इंसानी विशेषताओं से खाली होगा। यह बात मौलाना मुबीनुल हक चौक पर सोमवार को गरीबों को लिहाफ वितरित करते हुए जमीअत उलमा शहर कानपुर के महासचिव मौलाना अमीनुल हक अब्दुल्लाह कासमी ने कही। जाजमऊ स्थित पुरानी चुंगी चौक पर मौलाना ने कहा कि हजरत मुहम्मद स0अ0व0 ने केवल इंसानों को नहीं बल्कि समस्त प्राणियों को अल्लाह का परिवार बताया है। जो इनसे अच्छा सुलूक करेगा वह उतना ही अल्लाह का प्यारा बन्दा होगा। इस्लामी शरीअत में तो यहां तक लिखा है कि अगर कोई व्यक्ति ज्यादा बीमार है और उसका कोई पुरसाने हाल नहीं है तो उम्मत के प्रत्येक व्यक्ति पर लाजिम है कि उसका ख्याल रखे। इसमें इसकी कैद नहीं की कोई गरीब है या अमीर, बल्कि हर अमीर व गरीब शख्स पर यह लाजिमी है। महासचिव मौलाना अमीनुल हक अब्दुल्लाह ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति भूख की वजह से मरने वाला है और देखने वाला व्यक्ति गरीब है तो उस पर फर्ज है कि वह उस भूखे को दो रोटी खिलाकर पानी पिला दे, जिससे उसकी जान बच जाए। खुदा—न—ख्वास्ता उसको मदद नहीं मिल सकी और वह भूख की वजह से मर गया तो अल्लाह के यहां यह जवाब नहीं चलेगा कि हम गरीब थे, इसलिये भूखे को खाना नहीं खिला पाये। मौलाना ने बताया कि अगर हम हजरत मौलाना मुहम्मद मतीनुल हक उसामा साहब कासमी रहमत्तुल्लाह अलैह समेत बड़े-बड़े बुजुर्गों और औलिया अल्लाह के जीवन को पढ़ें तो उनके जीवन का सबसे बड़ा कारनामा लोगों की सेवा है। इसलिये समस्त प्राणियों के काम आना, विशेषरूप से जरूरतमंदों के काम आना हमारे जीवन का उद्देश्य होना चाहिये। यही इंसानियत की सबसे बड़ी पहचान है। साथ ही दीन और रसूल अल्लाह स0अ0व0 की तालीमात का महत्वपूर्ण भाग है। इस अवसर पर जमीअत उलमा कानपुर के अध्यक्ष डा0 हलीमुल्लाह खां, उपाध्यक्ष मौलाना नूरूद्दीन अहमद कासमी, सचिव मौलाना मुहम्मद अकरम जामई, प्रदेश सचिव कारी अब्दुल मुईद चौधरी, मौलाना फरीदुद्दीन कासमी, मुफ्ती सैयद मुहम्मद उस्मान कासमी, मुफ्ती इजहार मुकर्रम कासमी, क़ारी बदरुज्जमां कुरैशी, मौलाना मुहम्मद शाहिद कासमी, मौलवी मुहम्मद नासिर, मौलवी मुहम्मद आसिफ, समीउल्लाह, मुहम्मद तौसीफ, मुहम्मद काशिफ के अलावा बड़ी संख्या में स्थानीय लोग मौजूद रहें। हिन्दुस्थान समाचार/महमूद/मोहित-hindusthansamachar.in