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अधिवक्ता का मूल कार्य न्याय का निष्पादन है, न कि एक पक्षकार को विजय दिलानाः न्यायमूर्ति शमशेरी

'अधिवक्ता-लोकतंत्र का केन्द्रीय स्तम्भ’ विषय पर वर्चुअल विधिक बैठक प्रयागराज, 11 जून (हि.स.)। अधिवक्ता न्यायालय का ऑफिसर है और उसका मूल कार्य न्याय का निष्पादन है, न कि एक पक्षकार को विजय दिलाना। अधिवक्ता अपने कार्य को पूर्ण तैयारी, कुशलता, सहजता व सरलता के साथ न्यायालय के समक्ष रखता है, जिससे उसके मुवक्किल का विश्वास उस पर बना रहे। यह बातें इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी ने अधिवक्ता परिषद उत्तर प्रदेश-उत्तराखंड द्वारा आयोजित ’अधिवक्ता-लोकतंत्र का केन्द्रीय स्तम्भ’ विषय पर वर्चुअल विधिक बैठक को सम्बोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि संविधान में तीन स्तम्भ बताये गए हैं परन्तु वर्तमान मीडिया चौथे स्तम्भ के रूप में स्थापित हुआ है। अधिवक्ता अपने तर्क से ही विधि सम्मत न्याय दिलाने में सक्षम है। न्यायालय को प्रामाणिक और सद्भावनापूर्ण दाखिल जनहित याचिका को प्रोत्साहित करना चाहिए और यही कार्य समस्त अधिवक्ता समाज का भी है। न्यायमूर्ति ने कहा कि ‘न्यायः मम् धर्मः’ के ऊपर चलकर समाज की अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति को न्याय दिलाने का कार्य अधिवक्ता परिषद् के कार्यकर्ताओं का है। अधिवक्ता एक ऐसा समूह व शक्ति है जो इन चारों स्तम्भों में समन्वय बनाता है, जिससे समाज व न्याय के बीच दूरियां कम हो। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट के निर्णय को चुनौती दी जा सकती है। संविधान के अनुच्छेद 32 के अंतर्गत सीधे सुप्रीम कोर्ट में जाया जा सकता है। जब विधायिका कोई कानून बनाती है तो अधिवक्ता समाज को उस पर शोध कर, चिन्तन कर अवगत कराना चाहिए। अधिवक्ताओं को न्यायिक कार्य से विरत नहीं रहना चाहिए। अधिवक्ताओं की हड़ताल उनके मुवक्किल का नुकसान करती है। अच्छा अधिवक्ता अपने वाद के सशक्त और कमजोर पहलुओं का विशेष ध्यान रखता है। अधिवक्ता समाज का एक ऐसा व्यक्तित्व है, जो समाज के पीड़ित व्यक्तियों को अपनी आवाज देकर न्याय दिलवाता है। कार्यक्रम का संचालन सर्वेश कुमार शर्मा एडवोकेट, अमरोहा ने एवं क्षेत्र मंत्री चरण सिंह त्यागी ने धन्यवाद ज्ञापित किया। सजीव प्रसारण में उत्तर प्रदेश अधिवक्ता परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष नरोत्तम कुमार गर्ग, झम्मन सिंह वर्मा, सुधांशु अग्रवाल, कमल सिंह, राखी शर्मा, आनंद सिंह जंघाला, सुदेश त्यागी, शुचि शर्मा, जानकी सूर्या, भास्कर जोशी, सुयश पन्त, अनुज शर्मा, प्रमोद कुमार त्यागी और पराग गर्ग आदि अधिवक्ताओं की उपस्थित रही। हिन्दुस्थान समाचार/विद्या कान्त

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