The accused of five major incidents including the Bikeru scandal will be charged
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बिकरु कांड सहित पांच बड़ी घटनाओं के अभियुक्तों पर लगेगा रासुका

- अपराध की रोकथाम के लिए आईजी ने थाना प्रभारियों को दी सख्त हिदायत कानपुर, 06 जनवरी (हि.स.)। कोरोना की वजह से पिछले वर्ष कानपुर भी अछूता नहीं रहा और लोग परेशान दिखे। इसी दौरान पांच ऐसी बड़ी घटनाएं हुई जो पुलिस विभाग के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। इनमें देश की चर्चित घटना बिकरु कांड भी रहा जिसमें सीओ समेत आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गये थे। ऐसे में अब पुलिस विभाग इन सभी अभियुक्तों पर रासुका के तहत कार्यवाही करने की तैयारी में जुट गयी है। आईजी मोहित अग्रवाल ने इसके लिए आदेश भी दे दिये हैं। उत्तर प्रदेश के लगभग सभी जनपदों में आए दिन कुछ न कुछ अपराध होता ही रहता है, लेकिन साल 2020 में कानपुर कुछ ऐसी घटनाएं सामने आयी जिससे प्रदेश हिल गया। इनमें सबसे बड़ी घटना बिकरु कांड रही, जिससे नेशनल मीडिया में कानपुर छाया रहा। शासन से लेकर प्रशासन तक महीनों घटना को लेकर बयानबाजी करते रहे। वहीं विपक्ष सरकार पर बराबर हमलवार रहा और पुलिस विभाग के भितरघातों को लोग कोसते रहे। नये साल में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए आईजी मोहित अग्रवाल ने कमर कस ली है। इसके लिए उन्होंने तय किया है कि जनपद की पांच बड़ी घटनाओं के सभी दुर्दांत अभियुक्तों पर रासुका लगाया जाये। इसके साथ ही उन्होंने थाना प्रभारियों को सख्त हिदायत दी है कि अपराध की रोकथाम के लिए अपने खुफिया तंत्र को मजबूत करें और अपराधियों पर सख्त कार्रवाई करें। आईजी रेंज मोहित अग्रवाल ने बताया कि यह सभी ऐसी घटनाएं हैं जिनसे व्यवस्थाएं बिगड़ी। साथ ही साथ लोगों में भय व्याप्त हुआ जो एनएसए के लिए पर्याप्त आधार है। उन्होंने कहा कि रासुका की कार्रवाई करने के लिए एक महीने का समय दिया गया है, इसके बाद जवाब तलब किया जाएगा। एक नजर में जनपद की पांच बड़ी घटनाएं 1-चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरु गांव में दबिश देने गयी पुलिस की टीम पर दुर्दांत अपराधी व हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे ने साथियों संग हमला कर दिया। कई घंटों तक चली फायरिंग में बिल्हौर सीओ देवेन्द्र मिश्रा, शिवराजपुर थानाध्यक्ष महेश यादव समेत आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गये थे। घटना को लेकर शासन और प्रशासन हतप्रद रहा और शासन के सख्त निर्देश के बाद पुलिस ने विकास दुबे सहित छह आरोपियों को मुठभेड़ में मार गिराया। इसके साथ ही 37 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। इनमें तत्कालीन चौबेपुर थानाध्यक्ष विनय तिवारी व हल्का इंचार्ज केके शर्मा भी हैं। 2- बर्रा थाना क्षेत्र में संजीत यादव का अपहरण हुआ और उसकी हत्या कर दी गयी। पुलिस ने घटना का भले ही खुलासा कर दिया पर शव अभी तक नहीं मिला। इस घटना में पुलिस की भारी लापरवाही सामने आयी थी और शासन ने एसपी दक्षिण अपर्णा गुप्ता सहित 11 पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया था। 3- घाटमपुर कोतवाली क्षेत्र के भदरस गांव में बच्चे की चाहत में मासूम बच्ची का बेरहमी से कत्ल करने के बाद उसका कलेजा खाने की घटना सामने आयी थी। दंपति परशुराम और सुनैना ने भतीजों वीरन व अंकुल से सात साल की मासूम बच्ची की हत्या करवाकर उसके अंग निकलवाए थे। जिसके बाद वह उसका उसका कलेजा खा गए थे। 4-बसपा नेता पिंटू सेंगर की 20 जून को दिनदहाड़े 18 गोलियां मारकर हत्या कर दी गई थी। इसमें मुख्य आरोपी पप्पू स्मार्ट, मनोज गुप्ता, वीरेंद्र पाल, सऊद अख्तर, महफूज अख्तर, फैसल, टाइसन समेत 14 आरोपी जेल में हैं, दो फरार हैं। 5- साढ़ थाना क्षेत्र के एक गांव में दंपति होरी लाल व शांति को पेट्रोल डालकर जिंदा फूंकने का प्रयास किया गया।जिन्हें गम्भीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया। इलाज के दौरान पति की मौत हो गयी। पुलिस ने आरोपी बाप बेटों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। हिन्दुस्थान समाचार/अजय/मोहित-hindusthansamachar.in

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