पूर्वांचल का बाबा धाम है इतहिया का पन्चमुखी शिवलिंग मंदिर
पूर्वांचल का बाबा धाम है इतहिया का पन्चमुखी शिवलिंग मंदिर

पूर्वांचल का बाबा धाम है इतहिया का पन्चमुखी शिवलिंग मंदिर

गोरखपुर, 13 जुलाई (हि.स.)। पूर्वांचल के बाबा धाम से इतहिया शिव मंदिर में पन्चमुखी शिवलिंग भक्तों की आस्था का प्रमुख केंद्र है। यह उत्तर प्रदेश के महराजगंज जनपद से 40 किलोमीटर निचलौल के इतहिया में स्थित है। सावन माह में हजारों भक्त यहां दूर दूर से जल चढ़ाने आते हैं। हालांकि कोरोना महामारी के बीच यह प्रक्रिया बंद है। इतहिया स्थित यह मंदिर भागवान शिव का अनोखा मंदिर है। तराई में स्थित इस मंदिर में नेपाल से भी शिव भक्त आते हैं। 200 से ज्यादा वर्षों का इतिहास समेटे इस मंदिर के बारे में अनेक किंवदन्तियां प्रचलित हैं। मुख्य पुजारी गिरी बताते हैं कि इस शिवलिंग के प्रादुर्भाव् की कहानी निचलौल के राजा वृशभसेन से जुड़ी है। राजा भागवान शिव के भक्त थे। उनके यहां गौशाला थी, जिसमें नंदिनी नाम की गाय थी। जिसके दूध का सेवन राजा प्रतिदिन किया कतरे थे। कुछ दिन बाद राजा को गाय का दूध मिलना बंद हो गया। राजा ने कारण जानने कि कोशिश की तो कुछ समझ नहीं आ रहा था। गाय सुबह शाम चरने के लिए घने जंगलों में जाया करती थी। उसी बीच चरवाहों ने देखा कि गाय अपना दूध एक निश्चित् स्थान पर अर्पित कर दे रही है। राजा को जब इसकी जानकारी हुई तो उन्होंने उस स्थान की खुदाई कराई जहां से एक पन्च मुखी शिवलिंग की प्राप्ति हुई। तभी से राजा ने प्रतिदिन इसकी पूजा करनी शुरू कर दी। राजा के पुत्र रतन सेन की भी इस शिवलिंग में विशेष आस्था थी। कुछ लोगों का कहना है कि इस शिवलिंग की प्राप्ति आम वृक्ष की जड़ से हुआ है। ग्रामीण बताते हैं कि जहां शिवलिंग है वहां प्रचीन समय में आम का एक वृक्ष था। जिसके जड़ से पन्चमुखी शिवलिंग का प्रादुर्भाव् हुआ। महादेव यहां आने वाले भक्तों की हर मनोकामना पूरी करते हैं। यहां धार्मिक कार्यक्रम भी किये जाते हैं। इसके देख भाल की जिम्मेदारी महराजगंज प्रशासन की है। हिन्दुस्थान समाचार/पुनीत/दीपक-hindusthansamachar.in

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