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नकारात्मक भावना से ही शरीर में सम्बंधित लक्षण होते हैं पैदा - सतीश राय

कोरोना की तीसरी लहर से घबराने नहीं, सजग रहने की जरूरत प्रयागराज, 22 मई (हि.स.)। विज्ञान में जितने भी रिसर्च हैं वह सिर्फ शरीर पर हैं, लेकिन मन एवं आत्मा पर ध्यान नहीं दिया जाता। किसी बीमारी के डर की नकारात्मक भावना ज्यों ही हमारे मन में आती है, हमारा दिमाग तुरंत उसको ग्रहण करता है और उससे सम्बंधित लक्षण शरीर में पैदा कर देता है। क्योंकि हमारा मस्तिष्क इतना शक्तिशाली है कि वह किसी भी बीमारी का इलाज भी कर सकता है और बीमारी पैदा भी कर सकता है। कोरोना वायरस की तीसरी लहर से हमें घबराने के बजाय सजग रहने की जरूरत है। यह बातें एसकेआर योग एवं रेकी शोध प्रशिक्षण और प्राकृतिक संस्थान मधुबन बिहार स्थित प्रयागराज रेकी सेंटर पर जाने-माने रेकी ग्रैंड मास्टर सतीश राय ने लोगों को जागरूक करते हुए कही। उन्होंने कहा कि वर्तमान में डर एवं भय का वातावरण है। जो कोरोना से ठीक होकर अस्पताल से घर आ रहे हैं उनके अंदर भयंकर कमजोरी है। श्री राय ने कहा कि अब तो कोरोना वायरस की तीसरी लहर आने की शंका जताई जा रही है, जो बच्चों के लिए ज्यादा घातक होगी। परिवार में सभी लोगों को इम्युनिटी पावर बढ़ाने की जरूरत है। सभी लोग मन को स्वस्थ रखने वाले हल्के व्यायाम करें, बचाव के सारे उपाय करते हुए कार्य करें। वरिष्ठ रेकी चैनल सूर्य नारायण त्रिपाठी ने बताया कि शरीर में प्रतिरोधक क्षमता की सबसे ज्यादा बढ़ोत्तरी प्रसन्न रहने एवं हंसने से होती है। हंसने से शरीर की मांसपेशियां, पेट की मांसपेशियां, फेफड़े की मांसपेशियां बार-बार खींचती हैं एवं शिथिल होती हैं। श्वांस की गति बढ़ने से अधिक ऑक्सीजन प्राप्त होती है। जिससे रक्त का संचालन बढ़ता है एवं शरीर की कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा में कमी होती है। क्योंकि उन्मुक्त रूप से हंसने से मस्तिष्क में “न्यूरो ट्रांसमीटर“ स्त्राव में वृद्धि होती है। हंसने के दौरान मस्तिष्क में आनंद प्राणदायिनी रसायन इंडोफ्रिन में वृद्धि होती है। जिससे मस्तिष्क में दर्द सूचक तंत्र कमजोर पड़ते हैं। इस क्रिया से हमारे इम्यून सिस्टम बहुत मजबूत होते हैं। ज्यादा हंसने से तनाव, मानसिक चिंता डिप्रेशन से मुक्ति मिलती है तथा शरीर में रोग व्याधियों से लड़ने की क्षमता का विकास होता है। इसलिए कोरोना वायरस की तीसरी लहर से डरने की जरूरत नहीं, उससे बचाव की जरूरत है। हिन्दुस्थान समाचार/विद्या कान्त

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