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मुख्यमंत्री योगी से स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने की भेंट, कुम्भ मेला हरिद्वार में किया आमंत्रित

-अयोध्या में ग्यारह हजार रुद्राक्ष के पौधरोपण का दिया सुझाव, सहयोग की जतायी इच्छा लखनऊ, 26 फरवरी (हि.स.)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शुक्रवार को परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने मुलाकात की। इस दौरान स्वामी चिदानन्द ने मुख्यमंत्री को प्रयागराज कुम्भ मेला-2019 को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल किये जाने के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि यह भारत के लिये गर्व का विषय है। उन्होंने मुख्यमंत्री को कुम्भ मेला, हरिद्वार एवं परमार्थ निकेतन में अप्रैल-मई माह में आयोजित एक माह की 'श्री राम कथा' में सहभाग के लिए आमंत्रित किया। मुख्यमंत्री से अयोध्या और श्रीराम मन्दिर की चर्चा करते हुए स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने सुझाव दिया कि भगवान शिव के ग्यारह रूद्र स्वरूप हैं। इसलिए अयोध्या में ग्यारह हजार रुद्राक्ष के पौधों का रोपण किया जाये। अयोध्या में रुद्राक्ष वन की स्थापना होनी चाहिये। उन्होंने कहा कि अगर यह सेवा योजना क्रियान्वित होती है तो परमार्थ निकेतन की ग्यारह हजार रुद्राक्ष के पौधों का सहयोग प्रदान करने की इच्छा है। स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने बताया कि जैसे ही अयोध्या में स्थान का चयन हो जाये तो रुद्राक्ष के पौधों के रोपण का कार्य आरम्भ किया जा सकता है। इस अवसर पर उन्होंने मुख्यमंत्री योगी को रुद्राक्ष का पौधा भेंट किया। अयोध्या में भव्य राम मन्दिर निर्माण को 51 लाख का चेक किया भेंट इसके बाद स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने आज राष्ट्रीय कवि संगम द्वारा सरयू तट, अयोध्या में आयोजित 'श्री राम वन गमन पथ काव्य यात्रा' एवं अधिवेशन में सहभाग किया। स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चम्पत राय को परमार्थ निकेतन की ओर से भव्य राम मन्दिर निर्माण के लिए 51 लाख का चेक किया समर्पित किया। अयोध्या को दिव्य भव्य, स्वच्छ-हरित बनाये रखने को मिलकर करें कार्य वहीं राष्ट्रीय कवि संगम के पदाधिकारियों एवं अन्य अतिथियों ने अयोध्या में श्री राम चन्द्र भगवान जी के जहां-जहां चरण पड़े और उन्होंने जहां विश्राम किया, उन सभी स्थानों का भ्रमण 'श्री राम वन गमन पथ काव्य यात्रा' के माध्यम से किया और संकल्प लिया। श्री राम वन गमन पथ काव्य यात्रा संगम अधिवेशन व अयोध्या महोत्सव में सहभाग कर जनसभा को सम्बोधित करते हुए स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि हमारे देश का सौभाग्य है कि परम तपस्वी भगवान श्रीराम हमारे आराध्य है और आप सभी भाग्यशाली है कि आपने इस दिव्य भूमि पर जन्म लिया है, जिस भूमि पर जन्म लेने के लिये देवता भी तरसते हैं। अब हम सभी का कर्तव्य बनता है कि अयोध्या को दिव्य और भव्य, स्वच्छ और हरित बनाये रखने के लिये हम सभी साथ-साथ मिलकर कार्य करें, जिससे विश्व से यहां आने वाले प्रत्येक श्रद्धालु एवं पर्यटक को ऐसा वातावरण प्रदान करे कि सभी को यह एहसास हो कि यह वास्तव में दिव्य स्थान है। हर मेला स्वच्छ व हरित हो, राम मन्दिर नहीं राष्ट्र मन्दिर का हो रहा निर्माण स्वामी स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि हमारे मेले, मेल बढ़ाते हैं, इसलिये हमारा हर मेला स्वच्छ व हरित हो। उन्होंने कहा कि प्रयागराज कुम्भ मेला के अवसर पर प्रज्ञापुरुष मोहन भागवत एवं पूरा संत समाज उपस्थित था। उस समय इस संसार ने दिव्य कुम्भ और भव्य कुम्भ का दर्शन किये। अब दिव्य अयोध्या और भव्य अयोध्या की शुरुआत होनी चाहिये। उन्होंने कहा कि आज अयोध्या आकर अत्यंत प्रसन्नता हो रही है कि यहां पर दिव्य और भव्य भगवान श्री राम जी के मन्दिर का निर्माण हो रहा है। यहां केवल राम मन्दिर नहीं बल्कि राष्ट्र मन्दिर का निर्माण हो रहा है जिससे आने वाली पीढ़ियां इस संस्कृति और संस्कारों से आप्लावित होती रहेंगी। हिन्दुस्थान समाचार/संजय

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