प्रयागराज में सुप्रीम कोर्ट के जजों ने लॉ म्यूजियम व आर्काईव का ई-उद्घाटन किया
प्रयागराज, 09 जनवरी (हि.स.)। इलाहाबाद हाईकोर्ट में शनिवार को लॉ म्यूजियम और आर्काइव का ई उद्घाटन सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति अशोक भूषण विनीत सरन कृष्ण मुरारी ने किया। इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायमूर्ति गोविंद माथुर ने कहा कि यहां पर उन्होंने जितने लॉ से सम्बंधित अरमान व अन्य दस्तावेज देखे हैं वह कहीं और नहीं देखी। इसे राष्ट्रीय लॉ संग्रहालय बनाया जाए। यहां पर तुलसीदास द्वारा हस्तलिखित एक पत्र है जिसमें उन्होंने समझौता कराया था। इसी तरह कई अन्य अत्यंत महत्वपूर्ण दस्तावेज हैं, जो न्याय प्रक्रिया के हमारे सुनहरे इतिहास को बताता है। सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति अशोक भूषण ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के लॉ संग्रहालय के निर्माण पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि राष्ट्रीय संग्रहालय का निर्माण प्रयागराज में हो इसके लिए सीजीआई से सिफारिश कर यह पुरजोर प्रयास करेंगे कि इस संग्रहालय का विस्तार हो और राष्ट्रीय संग्रहालय बने। सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति विनीत सरन ने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट का संग्रहालय देश का पहला संग्रहालय है जो पहले एक कमरे में शुरू हुआ। यह आने वाली पीढ़ी के लिए मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने इलाहाबाद हाई कोर्ट में अधिवक्ताओं की गौरवशाली परंपरा को दोहराया। सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी ने लॉ संग्रहालय की शुरुआत की चर्चा की और बताया कि युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बनेगा। लॉ संग्रहालय और आर्काइव कमेटी के चेयरमैन न्यायमूर्ति मनोज गुप्ता ने इसकी विशेषता पर चर्चा की, इसके निर्माण में आने वाली प्रक्रिया के बारे में बताया। आगे विस्तार के लिए क्या योजना है इस पर भी प्रकाश डाला। अंत में न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा ने सभी के प्रति आभार ज्ञापित किया। मुख्य न्यायमूर्ति सहित अन्य न्यायमूर्ति गण के अलावा बार के अध्यक्ष अमरेन्द्र सिंह व सचिव प्रभाशंकर मिश्रा, संग्रहालय के निदेशक सुनील गुप्ता कंस्ट्रक्शन एंड डिजाइन सर्विसेज के गुलाब चंद दुबे सिविल ग्रुप कंसलटेन्ट के ज्ञानेश्वर त्रिपाठी मौजूद रहे। हिन्दुस्थान समाचार/आर.एन/दीपक-hindusthansamachar.in