sugarcane-survey-policy-released-for-up-crushing-season-2021-22
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उप्र: पेराई सत्र 2021-22 के लिए गन्ना सर्वेक्षण नीति जारी

- गन्ना सर्वेक्षण 1 मई से शुरू होकर 30 जून तक होगा सम्पन्न - पहली बार गन्ना किसानों को ऑनलाइन घोषणा-पत्र भरने की मिली सुविधा लखनऊ, 12 अप्रैल (हि.स.)। प्रदेश के आयुक्त गन्ना एवं चीनी संजय आर भूसरेड्डी ने पेराई सत्र 2021-22 के लिए गन्ना सर्वेक्षण नीति जारी कर दी है। उन्होंने बताया कि प्रत्येक पेराई सत्र में गन्ने के सम्भावित उत्पादन को ध्यान में रखकर चीनी मिलों के गन्ना क्षेत्र का निर्धारण तथा किसानों द्वारा चीनी मिलों को की जाने वाली गन्ने की आपूर्ति की योजना तैयार की जाती है। गन्ना उत्पादन के सही आंकलन के लिये बोये गये गन्ने के क्षेत्र का सही सर्वेक्षण एक अत्यन्त महत्वपूर्ण एवं आधारभूत कार्य है। भूसरेड्डी ने बताया कि गन्ना सर्वेक्षण का कार्य 01 मई से शुरू होकर 30 जून तक सम्पन्न होगा। सर्वे कार्य में शुद्धता पारदर्शिता और गन्ना किसानों की समस्याओं के त्वरित निस्तारण के दृष्टिगत तथा डिजिटलाइजेशन को बढ़ावा देने के लिए सर्वे कार्य कराया जायेगा। उन्होंने बताया कि इस वर्ष गन्ना किसानों को उनके बोये गये क्षेत्रफल के संबंध में enquiry.caneup.in वेबसाइट पर घोषणा-पत्र ऑनलाइन अपलोड करने की सुविधा प्रदान की गयी है। घोषणा-पत्र का प्रारूप भी सरलीकृत किया गया। घोषणा पत्र के साथ अपनी एवं गाटा संख्या की पहचान के लिए यह भी अनिवार्य किया गया है कि घोषणा पत्र के साथ अपनी पहचान के लिए गन्ना कृषक को आधार कार्ड देना होगा। आधार कार्ड न होने पर मतदाता पहचान पत्र,ड्राइविंग लाईसेन्स,पासपोर्ट, पैन कार्ड अथवा बैंक पासबुक के फोटो वाले पृष्ठ की छायाप्रति जो स्वप्रमाणित की गई हो तथा राजस्व खतौनी की स्व.प्रमाणित प्रति वेबसाइट पर अपलोड करनी होगी। गन्ना सर्वेक्षण के प्रयोजन के लिए प्रत्येक चीनी मिल क्षेत्र में स्टाफ की उपलब्धता के अनुरूप 750 से 1000 हेक्टेयर तक की अस्थायी सर्किलें बनायी जायेगी और गन्ना सर्वेक्षण टीम में एक कर्मचारी राजकीय गन्ना पर्यवेक्षक या समिति का कर्मचारी होगा और साथ में एक कर्मचारी चीनी मिल का भी होगा। आयुक्त ने बताया कि गन्ना सर्वेक्षण टीम में उन्ही कर्मचारियों को रखा जायेगा जो सर्वेक्षण की मूल भूत जानकरी रखते हों। इतना ही नहीं, सर्वेक्षण टीम का एक अनिवार्य प्रशिक्षण भी कराया जायेगा। उल्लेखनीय है कि गन्ना क्षेत्र का सर्वेक्षण जी.पी.एस. द्वारा कराये जाने के कारण सर्वेक्षण में पारदर्शिता और शुद्धता रहती है। साथ ही जीपीएस से सर्वे किये जाने पर समय की बचत की साथ व्यय भी कम होगा एवं बिचौलियों की भूमिका समाप्त होगी। सर्वेक्षण के दौरान ग्राम स्तरीय गोष्ठियों में नये सदस्यों का भी पंजीकरण कराया जायेगा। पेराइ सत्र 2021.22 के लिये 30 सितम्बर तक बनाये गये सदस्यों को ही गन्ना आपूर्ति की सुविधा मिलेगी। गन्ना सर्वेक्षण के दौरान गन्ना समिति के नयेवारिस सदस्यता के लिए भी किसानों से आवेदन लिये जायेगें। उपज बढ़ोत्तरी हेतु भी कृषकों के आवेदन पत्र गन्ना सर्वेक्षण कार्य प्रारम्भ करने से लेकर 30 सितम्बर, 2021 तक निर्धारित शुल्क के साथ संकलित किये जायेंगे। सर्वे कार्य के दौरान प्रशिक्षण एवं अन्य कार्यक्रमों में कोविड-19 के दृष्टिगत सोशल डिस्टेन्सिंग एवं सेनेटाइजेशन आदि के संबंध में जारी दिशा-निर्देशों का पालन किया जायेगा। हिन्दुस्थान समाचार/राजेश

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