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प्रकृति व बेजुबान से प्यार का ऐसा जुनून की छोड़ दी इंजीनियरिंग की नौकरी

पशु-पक्षियों के प्रति कुछ करने की ललक ने पर्यावरण को हरा भरा रखने के लिए जोड़ा महेन्द्र तिवारी गोण्डा, 04 जून (हि.स.)। बचपन से ही प्रकृति व बेजुबान से प्यार का ऐसा जुनून की इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ दी और पर्यावरण व पशु पक्षियों के लिए मन में कुछ करने के संकल्प के साथ सेवा में जुट गए। जी हां, अभिषेक द्विवेदी ने नेचर क्लब के माध्यम से लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक कर सैकड़ों लोगों का संस्था से जोड़ा और अपने मुहिम को रफ्तार दी। जनपद के करनैलगंज तहसील के परसा महेसी गांव में जन्मे अभिषेक द्विवेदी बताते हैं की बचपन से ही मेरा मन प्रकृति के बहुत ही करीब रहा है। स्कूल के दिनों में जब मैं कक्षा 7 में था तभी से पक्षियों की गणना करना, पौधों की पहचान करना, पर्यावरण संबंधी मुद्दों पर अधिकाधिक जानने का प्रयास किया करता था। उसी समय नेचर क्लब बनाने की योजना का विचार आया था। पॉलिटेक्निक की शिक्षा ग्रहण करने के दौरान किया नेचर क्लब का गठन वर्ष 2008 में हाईस्कूल की परीक्षा पास करके लखनऊ पॉलीटेक्निक में प्रवेश लिया। तब वहां मित्रों के साथ मिलकर नेचर क्लब का गठन किया। फिर सदस्यों के साथ बैठकें, सेमिनार कर उन्हें जागरूक करने के साथ-साथ पौधरोपण का कार्य शुरू किया गया। वर्तमान में प्रदेश के 3 जनपदों में चला रहे मुहिम वर्तमान समय में प्रदेश के 3 जनपद गोंडा, अयोध्या, लखनऊ में नेचर क्लब के सैकड़ों सदस्य पर्यावरण को हरा-भरा बनाने, पशु पक्षियों को उनके अधिकार दिलाने के लिए अपनी मुहिम को रफ्तार दे रहे हैं। क्लब के संस्थापक अभिषेक का कहना है कि आज से 25 बरस पहले गांव व शहरों के आस-पास तमाम झाड़ियां हुआ करती थीं, जिसमें तमाम तरह के पक्षियों अपना आशियाना बनाकर कलरव किया करते थे। अब हमें उनकी ध्वनि नहीं सुनाई देती है। लोगों ने उनके अधिकार का हनन किया। उनके अधिकार को वापस दिलाने की दिशा में संगठन के सदस्य सक्रिय रुप से अपनी महती भूमिका निभा रहे हैं। 2010 से अपने जनपद में योजना का शुरुआत किया श्री द्विवेदी बताते हैं वर्ष 2010 में जब वह गर्मी की छुट्टियों में अपने घर आए तो अपने सपनों को साकार करने के लिए शिक्षा के दौरान जिले भर के विभिन्न गांव कस्बों में रह रहे अपने साथियों की सूची बनाई। उनके घर जाकर अपने उद्देश्य को विस्तार से समझाया। सभी को क्लब का सदस्य बनाने के बाद अपने-अपने गांव के स्कूल कॉलेजों सार्वजनिक स्थलों पर पौधरोपण करने के साथ-साथ गांव के लोगों को अभियान के प्रति जागरूक करने का संकल्प दिलाया। पशु-पक्षियों के सहारा बन रहे क्लब के सदस्य क्लब के सदस्यों द्वारा पशु पक्षियों के अधिकार को उन्हें वापस करने के लिए गांव में ग्रामीणों से संवाद स्थापित कर उन्हें अपने घरों की छत के ऊपर मिट्टी के बर्तनों में पानी रखने, घायल पशु पक्षियों की सूचना क्लब के सदस्यों को देने के साथ-साथ अधिक से अधिक पौध लगाने के लिए जागरूक किया जा रहा है। ग्रामीणों द्वारा सूचना मिलने के बाद क्लब के सदस्य वहां पहुंचकर घायल पशु पक्षियों का इलाज कराने के साथ-साथ उनके पुनर्वास की व्यवस्था कराते हैं। नदियों की अविरलता को चलाते हैं सफाई अभियान बताया कि जनपद में बहने वाली जीवनदायिनी पवित्र सरयू नदी की अविरलता बनाए रखने के लिए सदस्यों द्वारा समय-समय पर सफाई अभियान चलाया जाता है। मेले व पर्व के अवसर पर घाटों की सफाई करने में क्लब के सदस्य अपनी महती भूमिका निभाते हैं। इनकी दिनचर्या में है पर्यावरण की चिंता नेचर क्लब के प्रमुख सक्रिय सदस्यों द्वारा प्रतिदिन पर्यावरण संतुलन बनाए रखने के लिए कुछ ना कुछ नए कार्य किए जाते हैं। इनमें रुषी दुबे, आदर्श श्रीवास्तव, अजय वर्मा, मोहित महंत, भास्कर दीक्षित, डॉ आशीष गुप्ता, यामिनी सिंह, हरीश तिवारी, अर्णव सिंह, साजिद खान, अनुराग आचार्य, राहुल कुमार, विवेक दुबे, विनीत दुबे, अविनाश शुक्ल, अंकित सिंह, अभिषेक मधेसिया, आशुतोष पाण्डेय, आयुष पाण्डेय, रिक्कू श्रीवास्तव आदि हैं। जनपद के करनीपुर गांव में होगा, प्रकृति आश्रम का निर्माण नेचर क्लब के संस्थापक अभिषेक दुबे ने बताया की तरबगंज तहसील के करनीपुर गांव में क्लब के द्वारा एक छोटे से प्रकृति आश्रम का निर्माण होने जा रहा है। यहां की जलवायु में जितने भी प्रकार के पौधे जीवित रह सकते हैं उनका रोपड़ कराया जाएगा। आश्रम के माध्यम से प्रकृति की छठा को बिखेरने का प्रयास किया जाएगा। यहां पर पहुंचने के बाद लोगों को इसकी अनुभूति हो। इसके बाद हम पूरे तराई क्षेत्र में इसका विस्तार करेंगे। हिन्दुस्थान समाचार/

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