students-detained-at-bhu-main-gate-detained-by-police-left-with-instructions
students-detained-at-bhu-main-gate-detained-by-police-left-with-instructions

बीएचयू के मुख्य द्वार पर धरनारत छात्रों को पुलिस ने लिया हिरासत में, हिदायत के साथ छोड़ा

-थाने से छूटने के बाद छात्रों ने मनाया जश्न,परिसर में लौटे वाराणसी, 26 फरवरी (हि.स.)। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) को पूर्ण रूप से खोलने की मांग कर पिछले पांच दिनों से विश्वविद्यालय के सिंहद्वार पर धरना दे रहे पांच छात्रों को लंका पुलिस ने शुक्रवार को हिरासत में ले लिया। छात्रों के तमाम विरोध को दरकिनार कर पुलिस ने बंद मुख्य द्वार को खुलवा दिया और उन्हें थाने ले आई। इसकी जानकारी पाते ही अन्य छात्र थाने के बाहर जुट कर हिरासत में लिये गये साथियों की रिहाई की मांग कर नारेबाजी करने लगे। छात्रों के प्रदर्शन की जानकारी पर पुलिस अफसर भी फोर्स के साथ थाने पर डट गये। काफी देर तक हंगामा के बाद पुलिस ने हिरासत में लिये गये पांचों छात्रों अनुपम कुमार, आशुतोष कुमार, सुमित, पवन अविनाश को हिदायत देकर छोड़ दिया। साथियों की रिहाई से खुश छात्र उन्हें अपने कंधों पर बैठाकर नारेबाजी करते हुए विश्वविद्यालय परिसर में लौट गये। छात्रों के लौटने के बाद पुलिस कर्मियों के साथ क्षेत्रीय दुकानदारों ने भी राहत की सांस ली। उधर,आन्दोलनकारी छात्रों ने कहा कि मांग पूरी होने तक उनका धरना चलता रहेगा। विश्वविद्यालय का मुख्य द्वार अब नहीं बंद करेंगे। छात्रों का कहना था कि वाराणसी समेत देश के अधिकांश स्कूल, कॉलेज एवं विश्वविद्यालय पुन: खोल दिए गए हैं, लेकिन बीएचयू में उनकी कक्षाएं शुरू नहीं हुई है। उनकी पढ़ाई पिछड़ रही है। विश्वविद्यालय प्रशासन परिसर को पुरी तरह खोलने के साथ पढ़ाई शुरू कराये। अभी परिसर में बीते 17 फरवरी से अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों के लिए छात्रावास खोलने के बाद 22 फरवरी से उनकी ऑन-ऑफ लाइन कक्षाएं शुरू हो गई है। कोविड काल को देखते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन का पक्ष है कि विश्वविद्यालय का चरणबद्ध तरीके से खुलना छात्र हित में है। छात्रों के स्वास्थ्य और सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जा सकता है। इसलिए छात्रों के हित में भारत सरकार के दिशा निर्देशों का पालन करते हुए विश्वविद्यालय को चरणबद्ध तरीके से खोलने का निर्णय किया गया। भविष्य में भी स्थिति सुधारने पर कोई विचार किया जाएगा। हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/संजय

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in