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कोरोना काल में बेजुबान जानवरों और बेसहारों की मदद में जुटी विद्यापीठ की छात्रा सोनम

वाराणसी, 28 अप्रैल (हि.स.)। कोरोना संकट काल में धीरे-धीरे सामाजिक कार्यकर्ता जरूरतमंद लोगों की मदद में लगातार आगे आ रहे हैं। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में बी.कॉम द्वितीय वर्ष में अध्ययनरत छात्रा सोनम कुमारी शहर में बेजुबान घायल जानवरों की सेवा के साथ कोरोना काल में गरीब और लाचार लोगों की सेवा में जुटी हुई है। बुधवार को सोनम का सेवा कार्य सोशल मीडिया में भी सुर्खियों में रहा। सोनम घायल बेजुबान जानवरों के इलाज कर उन्हें खाना भी खिलाती है। जानवरों के इलाज के लिए शुरूआत में उन्हें पशु चिकित्सालयों में डॉक्टरों का सहयोग नहीं मिलता था। लेकिन अकेले वे जहां तक हो सकता था निस्वार्थ भाव से सेवा कार्य में जुटी रही। उनके सेवा कार्यो की चर्चा सोशल मीडिया में होने पर कुछ लोगों ने सहयोग में कदम भी बढ़ाया। सोनम अब इन दिनों अस्पताल में बेसहारा लोगों का यथा संभव सहयोग कर रही है। सोनम का कहना है कि उनसे किसी असहाय का दुख देखा नहीं जाता और वह उनकी मदद के लिए जुट जाती है। सोनम के पिता सुबह शाम अखबार बेचने के बाद बेटी का सहयोग करते है। घर में मां पांच बहनें और एक भाई भी हौसला बढ़ाते है। सोनम ने बताया कि चार साल सड़कों पर घायल बेजुबान जानवरों को तड़पते देख करूणा के साथ सेवा भाव मन में जागा। शुरूआत में इस कार्य में घर वालों का सहयोग नहीं मिलता था। बेजुबान जानवरों के इलाज के लिए कोचिंग के लिए जो उन्हें पैसे मिलते थे उसी से सेवा कार्य करती थीं। सोनम 200 से अधिक गलियों के जानवरों को यथा संभव बिस्किट रोटियां खिलाने का कार्य करती हैं। कोरोना के पहले लहर में भी सोनम ने असहाय लोगों का सहयोग किया था। कोरोना पीड़ित जो अस्पताल में भर्ती हैं और जिन्हें प्लाज्मा की आवश्यकता है। उनके लिए भी सोनम लगातार सोशल मीडिया के जरिये अपील कर सहायता का प्रयास करती रही है। हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर

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