Social media and market make Hindi communicable: Priya Pandey
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सोशल मीडिया व बाजार ने हिन्दी को सम्प्रेषणीय बनाया : प्रिया पांडेय

जौनपुर, 09 जनवरी (हि.स.)। हिन्दी भाषा देश की गरिमा व अस्मिता की प्रतीक है। सोशल मीडिया व बाजार ने अपनी आवश्यकता के अनुरूप हिन्दी को अधिक संप्रेषणीय बनाया है। बोलने के लिहाज से यह विश्व की दूसरी सबसे बड़ी भाषा है। उक्त बातें शनिवार को पं.दीनदयाल उपाध्याय बालिका इंटर कॉलेज रुस्तमपुर की प्रधानाचार्या व लेखिका प्रिया पांडेय ने कही। उन्होंने बताया कि हिन्दी के शब्द अंग्रेजी के शब्दकोष में अपनी जगह बना रहे हैं। इससे पता चलता है कि वैश्विक पटल पर हिन्दी भाषा की स्वीकार्यता बढ़ रही है। लेखिका ने कहा कि हिन्दी वैश्विक संवाद की भाषा बनने की तरफ कदम बढ़ा रही है। इसलिए यह संयुक्त राष्ट्र संघ की भाषा बनने की हकदार है। हिन्दी की लिपि वैज्ञानिक है इसलिए यह सबसे प्रामाणिक भाषा है। उन्होंने बताया कि प्रथम विश्व हिन्दी सम्मेलन 10 जनवरी 1975 को नागपुर में आयोजित हुआ था। इसीलिए इस दिन को ’विश्व हिन्दी दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। वर्ष 2006 के बाद से हर साल 10 जनवरी को विश्व हिंदी का आयोजन विश्व में हिन्दी के प्रचार-प्रसार के लिए जागरूकता पैदा करने के लिए किया जाता है। हिन्दुस्थान समाचार/विश्व प्रकाश/विद्या कान्त-hindusthansamachar.in

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