श्रीराम मंदिर निर्माण के नाम पर सोना बटोरने वाले दान के पाई-पाई का हिसाब दें : स्वामी जितेन्द्रानंद सरस्वती
श्रीराम मंदिर निर्माण के नाम पर सोना बटोरने वाले दान के पाई-पाई का हिसाब दें : स्वामी जितेन्द्रानंद सरस्वती

श्रीराम मंदिर निर्माण के नाम पर सोना बटोरने वाले दान के पाई-पाई का हिसाब दें : स्वामी जितेन्द्रानंद सरस्वती

-श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन मुहूर्त पर सवाल खड़ा करने से संत नाराज - संतों ने जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती पर किया सवालों का बौछार -रामालय ट्रस्ट पर भी उठा सवाल, कांग्रेस के इशारे पर विवाद खड़ा करने का आरोप भी वाराणसी, 27 जुलाई (हि.स.)। अयोध्या में भव्य श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन मुहूर्त, मिट्टी को लेकर विवाद खड़ा करने पर मंदिर निर्माण से जुड़े संतों में भी नाराजगी बढ़ रही है। मुहूर्त निकालने वाले काशी के आचार्य पण्डित गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ को शास्त्रार्थ की चुनौती देने से बिफरे संतों ने ज्योतिष एवं द्वारका शारदा पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती और उनके शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द को सीधे निशाने पर लेकर रामालय ट्रस्ट पर सवाल उठाया है। सोमवार को अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जितेन्द्रानंद सरस्वती ने आरोप लगाया है कि रामालय ट्रस्ट अयोध्या में मंदिर निर्माण के नाम पर सनातन धर्मावलंबियों का भावनात्मक रूप से शोषण कर लम्बे समय से सोना वसूलता रहा है। इस ट्रस्ट के पदाधिकारी बताये कि राम के नाम बटोरा गया सोना और सारा धन कहां गया। स्वामी जितेन्द्रानंद सरस्वती ने दान में मिले सोना का हिसाब भी मांगा है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि श्री राममंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के संविधान बेंच का फैसला आया, मंदिर निर्माण का रास्ता साफ हुआ तो कांग्रेस के इशारे पर चलने वाले शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती और उनके शिष्यों ने विवाद शुरू कर दिया है। ये लोग कभी मुर्हुत तो कभी मिट्टी को लेकर विवाद खड़ा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अयोध्या में आपके पास तो एक इंच की भूमि भी नहीं थी। आप कोई मंदिर नहीं बनाने वाले थे। तो फिर कैसे सनातन धर्मावलंबियों से सोना वसूला। संत समिति ने स्वामी स्वरुपानंद के रामालय ट्रस्ट और जन्मजेय शरण के श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण समिति ट्रस्ट की पाई पाई का हिसाब मांगा है। -श्रीराम जन्मभूमि के संपूर्ण आंदोलन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ संतों के साथ-साथ चला स्वामी जितेन्द्रानंद सरस्वती ने कहा कि श्रीराम जन्मभूमि के संपूर्ण आंदोलन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ उसका विविध क्षेत्र और अखिल भारतीय संत समिति, ये तीनों एक साथ चले। लेकिन कांग्रेस प्रायोजित एक धारा स्वामी स्वरुपानंद सरस्वती के नाम से हर संगठन के समानांतर एक संगठन खड़ा करके विवाद करना और मूलत: श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन को तोड़ने के काम में लगी रही। उन्होंने कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट के संविधान बेंच का फैसला आया, सारे कांटे साफ हो गए तो उनके तरफ से मुहर्त को लेकर विवाद खड़ा किया गया, फिर ये कहा गया कि कोई अल्पसंख्यक मिट्टी लेकर जा रहा है, अरे दुनिया में बहुत लोग आते जाते रहते हैं, स्वीकार करना नहीं करना ये तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का काम है, ये तो अलग विषय है। मीडिया के सामने हिसाब दें अखिल भारतीय संत समिति ने अयोध्या में भव्य श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन मुहूर्त, मिट्टी को लेकर विवाद खड़ा करने वाले धर्माचार्य को खुली चुनौती दी है। समिति ने कहा है कि पूरे देश की मीडिया के सामने रामालय न्यास और श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण न्यास के लोग पाई-पाई का हिसाब रखें। अन्यथा यह माना जाएगा कि इन्होंने देश और धर्म के साथ, सनातन धर्मावलंबियों के साथ धूर्तता की है। भगवान राम के नाम पर शोषण किया है। हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/राजेश-hindusthansamachar.in

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