सावन माह की शिवरात्रि पर मंदिरों में पसरा रहा सन्नाटा, घरों में रूद्राभिषेक
सावन माह की शिवरात्रि पर मंदिरों में पसरा रहा सन्नाटा, घरों में रूद्राभिषेक

सावन माह की शिवरात्रि पर मंदिरों में पसरा रहा सन्नाटा, घरों में रूद्राभिषेक

वाराणसी,19 जुलाई (हि.स.)। सावन माह की शिवरात्रि पर रविवार को नगर के शिवालयों में और गंगा तट पर भी सन्नाटा पसरा रहा। लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण पर काबू पाने के लिए लागू 55 घंटे के लॉकडाउन के चलते शहर के बड़े शिवालय जहां बंद रहे। वहीं, छोटे शिवालयों में भी सन्नाटा पसरा रहा। कुछ एक जगहों पर लोग श्रद्धा और उत्साह से छोटे शिवालयों में जलाभिषेक करते नजर आये। शिवरात्रि पर लोगों ने घरों में रूद्राभिषेक कर महादेव से कोरोना संकट से मुक्ति देने की गुहार भी लगाई। बताते चले, सनातन धर्म में हर मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को शिवरात्रि पड़ती है। लेकिन सावन और फाल्गुन के महीने में आने वाली शिवरात्रि का खास महत्व है। सावन माह भगवान शिव को बेहद प्रिय है। ऐसे में पूरे माह गंगा स्नान कर महादेव की आराधना के साथ जलाभिषेक करते है। माह के शिवरात्रि पर जलाभिषेक और रूद्राभिषेक का महत्व बढ़ जाता है। लोगों में विश्वास है कि सावन महीने की शिवरात्रि पर गंगा जल चढ़ाने से भगवान शिव अति प्रसन्न होते हैं। रविवार सुबह 5 बजकर 40 मिनट से 7 बजकर 52 मिनट तक का समय जलाभिषेक के लिए मंगलकारी रहा। प्रदोष काल शाम 7 बजकर 28 मिनट से रात 9 बजकर 30 मिनट तक भी जलाभिषेक कर पुण्य बटोरा जा सकता है। मान्यता है कि सावन शिवरात्रि पर महादेव को तिल चढ़ाने से संपूर्ण पापों का नाश होता है। इसके अलावा शिव को गेहूं से बनीं वस्तुओं का भोग अर्पित करना भी शुभ माना जाता है। हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/दीपक-hindusthansamachar.in

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