सावन का तीसरे सोमवार पर सोमवती अमावस्या के विशेष योग में हुई शिव आराधना
सावन का तीसरे सोमवार पर सोमवती अमावस्या के विशेष योग में हुई शिव आराधना

सावन का तीसरे सोमवार पर सोमवती अमावस्या के विशेष योग में हुई शिव आराधना

-राजधानी लखनऊ में एक लाख शिवलिंग का हुआ रुद्राभिषेक लखनऊ, 20 जुलाई (हि.स.)। पवित्र सावन मास के तीसरे सोमवार पर सोमवती अमावस्या के विशेष योग में उत्तर प्रदेश में आज दिन भर भगवान शंकर की आराधना हुई। इस अवसर पर राजधानी लखनऊ में एक लाख शिवलिंग का पार्थिव पूजन व रुद्राभिषेक किया गया। हालांकि कोरोना संक्रमण के कारण अधिकतर शिवालयों में श्रद्धालुओं की भीड़ अपेक्षाकृत कम दिखी, लेकिन वाराणसी स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर, राजधानी के सिद्धपीठ मनकामेश्वर मंदिर समेत प्रयागराज, कानपुर, आगरा और मथुरा के प्राचीन शिव मंदिरों में शारीरिक दूरी के साथ मास्क लगाकर श्रद्धालु देर शाम तक भोले बाबा की आराधना और अभिषेक में लगे रहे। लखनऊ के ऐशबाग स्थित रामलीला मैदान में सावन के तीसरे सोमवार के अवसर पर एक लाख शिवलिंग का पार्थिव पूजन व रुद्राभिषेक किया गया। इस दौरान भक्तों ने कोरोना महामारी के खात्मे की प्रार्थना भी भगवान शंकर से की। आयोजकों का कहना है कि महामारी की समाप्ति के लिए गंगाजल में कुशा डाल कर उससे रुद्राभिषेक किया गया। इसके लिए ऋषिकेश से भारी मात्रा में गंगाजल मंगाया गया था। सावन के तीसरे सोमवार के दिन आज सोमवती अमावस्या का पर्व पड़ने से श्रद्धालुओं ने गंगा, यमुना और पवित्र नदियों में स्नान भी किया। तीर्थराज प्रयाग में संगम तट पर आज सुबह से ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी रही। बारिश के बावजूद श्रद्धालु पूरी आस्था के साथ पवित्र संगम में डुबकी लगाते रहे। कानपुर और पश्चिमी उप्र के कई जिलों में भी श्रद्धालुओं ने सोमवती अमावस्या के पर्व पर आज गंगा के विभिन्न घाटों पर स्नान किया और भगवान भोले बाबा की आराधना की। महिलाओं ने आज स्नान ध्यान के बाद पीपल के वृक्ष की पूजा और परिक्रमा भी कीं। सोमवती अमावस्या का विशेष योग सावन के तीसरे सोमवार को आज सोमवती अमावस्या के चलते ग्रहों और नक्षत्रों का विशेष योग रहा। ज्योतिर्विद डा0 ओमप्रकाशचार्य के अनुसार अमावस्या सूर्य और चंद्रमा के मिलन का काल है। इस दिन सूर्य और चंद्रमा एक ही राशि में रहते हैं। उन्होंने बताया कि इस बार सोमवती अमावस्या का योग सभी के लिए पुण्य लेकर आया है। पुनर्वसु नक्षत्र और पुष्कर योग के चलते विवाह, धनधान्य, संतान और स्वास्थ्य के लिए यह शुभकर रहा। डा0 ओमप्रकाशचार्य ने बताया कि सोमवती अमावस्या का यह विशेष योग 47 साल बाद बना है। यह योग महिलाओं के लिए विशेष लाभकारी माना जाता है। इस दिन शिव आराधना करने से विवाहितों का दाम्पत्य जीवन सुखमय रहता है और अविवाहितों को योग्य वर मिलने के योग बनते हैं। उन्होंने बताया कि सोमवती अमावस्या रविवार को रात 11.05 बजे ही प्रारम्भ हो गई थी और यह आज सोमवार को रात करीब साढ़े दस बजे तक रहेगी। उन्होंने बताया कि वैसे इस बार का पूरा सावन मास ही विशेष योग वाला अति शुभकारी है, क्योंकि सोमवार के साथ प्रारम्भ हुआ श्रावण मास इस बार सोमवार को ही समाप्त भी हो रहा है। साथ ही इस वर्ष के सावन में पांच सोमवार पड़ रहे हैं। ऐसे में इस बार का पूरा सावन महीना ही शिव आराधना के लिए विशेष योग वाला है। हिन्दुस्थान समाचार/ पीएन द्विवेदी-hindusthansamachar.in

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