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सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम को बेचना राष्ट्रद्रोह से कम नहीं - रेवती रमण सिंह

प्रयागराज, 14 जून (हि.स.)। राज्यसभा सांसद कुंवर रेवती रमण सिंह ने भारत में प्रतिष्ठित भारत पम्प एण्ड कम्प्रेशर लिमिटेड नैनी को मोदी सरकार द्वारा बंदी पर रोष व्यक्त करते हुए कहा कि जब-जब भाजपा की सरकार बनी है, नैनी की सार्वजनिक क्षेत्र की औद्योगिक इकाइयों को बंद करने या बेचने का काम किया है। जबकि सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम को बेंचना राष्ट्रद्रोह से कम नहीं। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार निजीकरण के नाम पर उद्योगपतियों को देश की धरोहर सौंप रही हैं, जो जनहित में कतई नहीं है। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण के दूसरी लहर में जब ऑक्सीजन की अचानक भारी कमी पड़ी तो यही सार्वजनिक उपक्रम बीपीसीएल नैनी याद आया गैस सिलेंडर निर्माण के लिए। तो प्रदेश के तमाम मंत्री अपनी वाहवाही लूटने लगे कि बीपीसीएल मे सिलेंडर बनेगें और बंद नहीं होने देंगे। फैक्ट्री को जिससे कर्मचारियों में भी आस बंधी की उनका रोजगार सुरक्षित हो रहा है, पर उनको क्या पता कि भाजपा का चरित्र है, भरोसा दिलाकर तोड़ना। अब जब कम्पनी में ताला लग गया तो जो मंत्री वाहवाही लूट रहे थे कुछ दिन पहले अब उनके मुंह पर भी ताले लग गये। सासंद ने कहा कि सिर्फ जबानी खर्च से कुछ नहीं होता। मैं मुलायम सिंह यादव की सरकार में परिवहन मंत्री था तो भी अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने बीपीसीएल को गुजराल नाम के उद्योगपति को बेच दिया था। मैंने बीपीसीएल को गुजराल के हाथों में जाने नहीं दिया। सांसद ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मांग किया कि नैनी के औद्योगिक स्वरूप को पुनः स्थापित करने के लिए बीपीसीएल, आईटीआई, टीएसएल आदि कम्पनियों का पुनर्जीवित हो। हिन्दुस्थान समाचार/विद्या कान्त

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