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बीसी सखियों का चयन आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना को पूरा करेगा: मोती सिंह

-उप्र राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत 58000 बीसी सखी कार्यक्रम के अनुबंध हस्ताक्षरित -प्रदेश की सभी 58000 ग्राम पंचायतों में एक पंचायत एक बीसी सखी की पदस्थापना लखनऊ, 19 फरवरी (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के ग्राम्य विकास मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह ‘मोती सिंह ने शुक्रवार को यहां कहा कि राज्य में बीसी सखियों का चयन आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना को पूरा करेगा। वह आज लखनऊ स्थित इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान, गोमती नगर में आयोजित उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत एवं चयनित छह पार्टनर एजेंसी के मध्य प्रदेश में 58000 बीसी सखी कार्यक्रम के अनुबंध हस्ताक्षरित एवं आदान-प्रदान करने हेतु आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे थे। ग्राम्य विकास मंत्री ने कहा कि प्रदेश में 46 लाख से अधिक ग्रामीण क्षेत्र की निर्धन परिवारों को एक सशक्त ढांचागत संस्था के रूप में 4.29 लाख से अधिक स्वयं सहायता समूहों, 18727 ग्राम संगठनो एवं 860 संकुल स्तरीय संघो के माध्यम से आच्छादन किया जा चुका है, जो की गरीबी उन्मूलन की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संकल्प को ग्राम्य विकास विभाग पूरा करने में सफल हो रहा है। उन्होेंने कहा कि इस विभाग ने हर क्षेत्र में कार्य किया है और यह आत्म निर्भर भारत की संकल्पना को पूरा करते हुए अन्य राज्यों के लिए मील का पत्थर साबित होगा। मंत्री ने कहा कि यह कार्यक्रम राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से जहां एक ओर ग्रामीण अर्थव्यवस्था सुदृढ़ होगी, वहीं दूसरी ओर महिलाओं को आत्म निर्भर बनाने में सफलता मिलेगी। इसी के साथ ही निर्धन महिलाओंध्परिवारों को स्वरोजगार के अवसर सृजित होंगे और आत्म निर्भर भारत के संकल्प को पूरा करने में अहम भूमिका निभायेंगे। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन प्रदेश के समस्त 75 जनपदों में ग्रामीण क्षेत्रों की निर्धन महिलाओ को विकास कार्यक्रमों में सक्रिय सहभागिता, स्वरोजगार, उद्यमशीलता एवं कौशल विकास द्वारा 46 लाख से अधिक ग्रामीण परिवारों को 4.29 लाख स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से सामाजिक एवं वित्तीय समावेशन द्वारा रोजगार सृजन करते हुए आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में तेजी से कार्य कर रहा है। श्री सिंह ने इस कार्यक्रम के माध्यम से प्रदेश की सभी चयनित बीसी सखियों, रोल आउट में सहयोगी बैंकिंग पार्टनर एजेंसी, आरसेटी, बैंकिंग संस्थाओ के प्रतिनिधि, आजीविका मिशन के प्रदेश, जनपद एवं विकास खंड स्तरीय अधिकारी, समर्पित प्रोफेशनल स्टाफ, टेक्निकल सपोर्ट यूनिट के स्टाफ आदि को वित्तीय सेवाओ को आम जनमानस के सहज एवं सुलभ बनाने के प्रयासों का धन्यवाद देते हुए कहा कि आगामी दिनों में हम सब इसी प्रकार नवीन उर्जा एवं समर्पण, बेहतर समन्वय के साथ प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री योगी के सबका साथ सबका विकास, समानता एवं अन्त्योदय के लक्ष्य को हासिल करेंगे। अपर मुख्य सचिव, ग्राम्य विकास मनोज कुमार सिंह ने इस अवसर पर कहा कि प्रदेश सरकार की दूरगामी निर्णयों एवं मुख्यमंत्री योगी के मार्ग दर्शन से ग्राम स्तर पर आजीविका मिशन द्वारा सूक्ष्म वित्त एवं वित्तीय सेवाओ को गति प्रदान करने की दिशा में ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग सुविधाओं को सुगम, ससमय, त्वरित एवं सहज बनाने और महिला स्वावलंबन द्वारा प्रदेश की सभी 58000 ग्राम पंचायतों में एक पंचायत एक बीसी सखी की पदस्थापना समबन्धित कार्य किया जा रहा है। बैंकिंग सेवाओं के विस्तार अन्य बिभागीय योजनाओ, कार्यक्रमों, बीमा एवं सामाजिक सुरक्षा समबन्धित सेवाओं को और सुगम बनाने के लिहाज से भी बीसी सखी द्वारा महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया जा रहा है। वर्तमान में जनपद स्तर पर 5800 से अधिक बीसी सखी का प्रशिक्षण आयोजित कर उनका प्रमाणीकरण आईआईबीएफ के माध्यम से करते हुए उनको ग्राम पंचायत स्तर पर पदस्थापित किया जा रहा है। अपर मुख्य सचिव द्वारा पार्टनर एजेंसी की सार्थकता पर प्रकाश डालते हुए बताया गया कि बीसी सखी के कार्यो में तेजी से गतिशीलता, तकनीकी सहयोग, बीसी सखी के द्वारा किये गए लेन-देन की वृद्धि को मॉनिटर करना, बीसी सखी को प्रशिक्षण एवं क्षमता विकास में सहयोग एवं अनुश्रवण के दृष्टिगत मिशन एवं चयनित 6 पार्टनर एजेन्सी के मध्य अनुबन्ध हस्ताक्षरित किया गया है। प्रमुख सचिव व आयुक्त ग्राम्य विकास विभाग ने कहा कि बीसी सखियों के माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था में निश्चित ही तेजी आएगी। मिशन निदेशक उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन, सुजीत कुमार ने बताया कि बीसी सखी कार्यक्रम को तीव्र गति से रोलआउट किये जाने हेतु मिशन एवं चयनित 6 पार्टनर एजेन्सी के मध्य अनुबन्ध हस्ताक्षरित किये जाने बीसी सखी कार्यक्रम को तीव्र गति से रोलआउट किये जाने हेतु मिशन एवं चयनित 6 पार्टनर एजेन्सी के मध्य अनुबन्ध हस्ताक्षरित किया गया है। श्री कुमार द्वारा मिशन की महत्वपूर्ण उपलब्धियों के समबन्ध में जानकारी साझा काते हुए मिशन के अंतर्गत स्वयं सहायता समूह की दीदीयों द्वारा 1.02 करोड़ मास्क निर्माण, 1.51 करोड़ स्कूल ड्रेस निर्माण, ’बलिनी मिल्क प्रोड्यूसर कम्पनी के माध्यम से ’7000 महिला सदस्यों के साथ बुंदेलखंड में प्रतिदिन 22 हजार 500 किलो ग्राम दुग्ध का संग्रह, 61050 समूहों द्वारा ड्राई राशन की उपलब्धता 163260 आगनवाडीकेन्द्रों पर, स्टार्टअप विलेज इंटरप्रयूनेरशिप प्रोग्राम के अंतर्गत कुल 8683 लघु उद्यमियों को सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों के द्वारा स्वः रोजगार एवं 29 लाख सोलर स्टडी लैम्प को विद्यार्थियों को उपलब्ध कराया जाना प्रमुख है। मिशन निदेशक ने कहा कि आजीविका ग्रामीण एक्सप्रेस योजना के अंतर्गत उत्कृष्ट कार्य हेतु प्रदेश को राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त करने पर भारत सरकार द्वारा गोल्ड मेडल प्रदान किया गया है। उन्होंने कहा कि 3774 महिला स्वयं सहायता समूह की सदस्यों द्वारा बिल कलेक्शन सम्बन्धित कार्य किया जा रहा है। उचित दर की दुकान का संचालन एवं प्रबंधन की दिशा में 1227 दुकान का आवंटन स्वयं सहायता समूह को किया जा चुका है। पंचायती राज बिभाग से अभिसरण के माध्यम से ग्राम स्तर पर कुल 514 विकास खंडो में 11257 ग्राम पंचायतो के सामुदायिक शौचालय का प्रबंधन समूह की महिलाआंे द्वारा किया जा रहा है। कार्यक्रम के दौरान चयनित बीसी सखी, मिशन मुख्यालय के अधिकारी, बैंकिंग संस्थाओं के प्रतिनिधि, आरसेटी के अधिकारी, प्रदेश के समस्त जनपदों के उपायुक्त स्वतः रोजगार, नोडल जिला मिशन प्रबंधक एवं जनपद हरदोई, सीतापुर, लखनऊ एवं उन्नाव जनपद के नोडल ब्लाक मिशन प्रबन्धक उपस्थित थे। हिन्दुस्थान समाचार/ पीएन द्विवेदी

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