आदेश पर अमल कराने को धारा 482 की याचिका पोषणीय नहीं : हाईकोर्ट
प्रयागराज, 22 फरवरी (हि.स.)। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा है कि अतिक्रमण हटाने के आदेश पर अमल करने का समादेश धारा 482 दंड प्रक्रिया संहिता के तहत दाखिल याचिका पर जारी नही किया जा सकता। ऐसी याचिका पोषणीय नहीं है। यह आदेश न्यायमूर्ति पंकज भाटिया ने गुड्डू दिवाकर उर्फ सुशील कुमार की याचिका पर दिया है। फर्रुखाबाद के नवदिया गाँव के दो प्लाटों 417 व 420 पर अतिक्रमण कर किए गए अवैध निर्माण हटाने के लिए मजिस्ट्रेट के समक्ष श्रीमती शारदा याची की मां ने अर्जी दी। जिसे स्वीकार करते हुए सिटी मजिस्ट्रेट फर्रुखाबाद ने 12 अक्टूबर 12 को अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया। किन्तु उस पर अमल नहीं किया गया तो यह याचिका दाखिल की गयी। विपक्षियों की तरफ से अधिवक्ता ने याचिका की पोषणीयता पर आपत्ति की। जिसे स्वीकार करते हुए कोर्ट ने कहा कि धारा 482 के तहत अंतर्निहित शक्तियों का प्रयोग किसी आदेश पर अमल कराने के लिए समादेश जारी नहीं किया जा सकता। हिन्दुस्थान समाचार/आर.एन/दीपक