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संत रविदास ने जाति,वर्ग एवं धर्म के मध्य दूरियों को मिटाने का किया प्रयास

कांग्रेसियों ने संत रविदास को बताया कर्म के पथ का पथिक झांसी, 27 फरवरी(हिं.स.)। संत रविदास की जयंती के अवसर पर उन्हें विभिन्न राजनैतिक दलों द्वारा अपने-अपने ढंग से याद किया गया। समाजवादियों ने उन्हें जाति,वर्ग व धर्म के मध्य दूरियांे को मिटाने का प्रयास करने वाला बताया तो कांग्रेसियों ने उन्हें कर्म के पथ पर चलने वाला अडिग पथिक कहा। सभी ने अपनी तरह से उन्हें श्रृद्धा सुमन अर्पित किए। इसके अलावा जनपद में सभी स्थानों पर संत रविदास की जयंती पर उन्हें याद किया गया। समाजवादी पार्टी प्रधान कार्यालय किसान बाजार में जिलाध्यक्ष महेश कश्यप की अध्यक्षता मे महान संत रविदास की जंयती के उपलक्ष्य मे उनके त्याग और जीवनदर्शन को याद करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की गई। महान संत रविदास जी की जयंती पर जिलाध्यक्ष महेश कश्यप ने कहा कि संत रविदास समाज सुधारक,महान क्रांतिकारी और स्वतंत्र चिंतक,साधक एवं कवि के रूप में विख्यात थे। उन्होंने भक्ति मार्ग पर चलते हुए सत्संग के माध्यम से सामाजिक समरसता व सामाजिक कुरीतियों को दूर करने के साथ ही जाति वर्ग एवं धर्म के मध्य की दूरियों को मिटाने का अथक प्रयास किया। उनके आदर्शों से प्रेरणा लेकर हमें देश में बढ़ रही सांप्रदायिकता एवं टूट रहे भाईचारे को रोकने के लिए कार्य करते रहना होगा। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व एमएलसी तिलक चन्द्र अहिरवार नेतृत्व कहा कि संत रविदास ने कर्मकाण्ड और अंधविश्वासो का डटकर विरोध किया। उनका मूल दर्शन था कि सभी मनुष्य एक समान हैं। मानव-मानव मे भेद नही करना चाहते। इस अवसर पर के के सिंह यादव, प्रदीप कुशवाहा,तारिक अनवर, पं सतेन्द्रपुरी गोस्वामी,ठाकुर अमित सिंह,रीना यादव,महीपत झा आदि सैकड़ों कार्यकर्ता उपस्थित रहे। कांग्रेसियों ने संत रविदास को बताया कर्म पथ का पथिक शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अरविंद वशिष्ठ की अध्यक्षता में संत शिरोमणि रविदास की जयंती मनाई गई। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि प्रदीप जैन आदित्य रहे। इस अवसर पर प्रदीप जैन आदित्य ने कहा की ऐसे संत जिनका कोई अंत नहीं हम उन्हें ईश्वर का स्वरूप माने तो अतिशयोक्ति नहीं होगी। उन्होंने उन्हें असमानता और छुआछूत के खिलाफ जन भावना प्रेषित करने वाला बताया। जब निजामुद्दीन के पास स्थित नगर के अंदर संत रविदास पहुंचे तो सिकंदर लोदी ने सैकड़ों एकड़ जमीन दान की और एक पवित्र कुंड भी बनवाया सरकार ने उसको जब तुड़वाया तो उसकी लड़ाई हमने सुप्रीम कोर्ट तक लड़ी और उसी जज ने उसको फिर से बनवाने का आदेश दिया जहां आज रविदास जी का भव्य मंदिर बन रहा है क्योंकि संत रविदास एक जाति धर्म संप्रदाय के नहीं थे वे सारी दुनिया के संत थे हम उन्हें शत शत नमन करते हैं। अरविंद वशिष्ठ ने कहा कि संत शिरोमणि रविदास का जीवन सादगी पूर्ण था वह जूता बना कर अपना जीवन यापन करते थे और कर्म को ही पूजा मानते थे। उन्होंने कर्म को प्रधानता दी और यदि मन चंगा तो कठौती में गंगा जैसा वाक्य भी उन्हीं की भक्ति का प्रतीक है। उक्त अवसर पर राजेंद्र शर्मा एडवोकेट, युथुप जैन पिंकी, डॉक्टर सुनील तिवारी, राकेश त्रिपाठी, मजहर अली, अंकुर मिश्रा,अनिल रिछारिया, गिरजा शंकर राय,नीरज सेन , आकाश गौतम, वीरेंद्र झा बंटी, रशीद कुरेशी आदि उपस्थित रहे। सभा का संचालन अरविंद बबलू सभासद ने किया आभार प्रतीक द्विवेदी ने व्यक्त किया। हिन्दुस्थान समाचार/महेश

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