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लोक सेवा आयोग के नये चेयरमैन संजय श्रीनेत को मिली मंजूरी

प्रयागराज, 18 अप्रैल (हि.स.)। सूबे की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग, उप्र प्रयागराज के नए चेयरमैन के पद पर 1993 बैच के आईआरएस अधिकारी संजय श्रीनेत के नाम को मंजूरी दे दी है। इससे पूर्व वह प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) में नार्दन रीजन के विशेष निदेशक के रूप में कार्यरत थे। उल्लेखनीय है कि, आयोग के मौजूदा चैयरमैन प्रभात कुमार मिश्र का इसी महीने कार्यकाल पूरा होने से यह पद रिक्त हो गया था। श्री मिश्र ने अपने कार्यकाल में पटरी से उतरे आयोग की कार्यप्रणाली को काफी हद तक सुधार कर रफ्तार देने का काम किया। बताया जाता है कि श्रीनेत ने अपने सेवाकाल में 4000 करोड़ से अधिक की सम्पत्तियों को जब्त किया और 100 करोड़ से ज्यादा कर चोरी और तस्करी के मामलों को पकड़ा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आयोग के अध्यक्ष पद पर उनके चयन की संस्तुति राज्यपाल से की थी। आयोग की वेबसाइट के अनुसार संजय श्रीनेत ने अपनी शुरूआती पढ़ाई लखनऊ के काल्विन तालुकेदार कॉलेज से की है। इसके बाद इलाहाबाद विश्वविद्यालय और जेएनयू से पढ़ाई की है। उन्होंने प्रतिष्ठित नेशनल डिफेंस कॉलेज (एनडीसी) से एम.फिल किया है। आईआरएस में चयनित होने के बाद वह 2005 से 2009 तक प्रथम सचिव भारतीय उच्चायोग लंदन में कार्यरत थे। 2009 से 2014 तक डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस राजस्थान के प्रभारी रहे और 2015 से 2020 तक ईडी के नॉर्दन रीजन के विशेष निदेशक थे। उन्हें राष्ट्रपति ने उत्कृष्ट सेवाओं के लिए 2010 में गणतंत्र दिवस पर प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया था। उन्हें केंद्र सरकार के लिए अत्यधिक राजस्व संग्रह करने पर 1998 में सम्मान पत्र भी दिया गया था। ब्रिटेन स्थित भारतीय उच्चायोग में प्रथम सचिव (व्यापार) के पद पर नियुक्ति के दौरान श्रीनेत अनेक यूरोपीय देशों के प्रभारी रहे। इस दौरान उन्हें अंतरराष्ट्रीय आर्थिक अपराध और नशीले पदार्थों की तस्करी के अर्थतंत्र का व्यापक भंडाफोड़ किया। वह आर्थिक भ्रष्टाचार, तस्करी और मनी लांड्रिंग से सम्बंधित कई मामलों में सख्त कार्रवाई करने से चर्चा में आए। सरकार ने आयोग के चेयरमैन के पद पर समय से नियुक्ति कर भर्तियों की मुहिम को तेजी से जारी रखने की इच्छाशक्ति दिखाई है। नए चेयरमैन के सामने निवर्तमान चेयरमैन की ओर से जारी भर्ती कैलेंडर को आगे बढ़ाना और युवाओं के बीच आयोग की प्रतिष्ठा को बढ़ाने की बड़ी जिम्मेदारी है। हिन्दुस्थान समाचार/विद्या कान्त

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