Right to get appointment for married daughter in deceased dependent quota: High Court
Right to get appointment for married daughter in deceased dependent quota: High Court

मृतक आश्रित कोटे में विवाहित पुत्री को भी नियुक्ति पाने का अधिकार : हाईकोर्ट

प्रयागराज, 13 जनवरी (हि.स.)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि पुत्र की तरह पुत्री भी परिवार की सदस्य होती है, चाहे विवाहित हो या अविवाहित। कोर्ट ने कहा कि जब हाईकोर्ट ने मृतक आश्रित सेवा नियमावली के अविवाहित शब्द को सेक्स के आधार पर भेद करने वाला मानते हुए असंवैधानिक घोषित कर दिया है, तो पुत्री को मृतक आश्रित की नियुक्ति पर विचार किया जायेगा। इसके लिए नियम संशोधित करने की आवश्यकता नहीं है। कोर्ट ने बीएसए प्रयागराज के याची के विवाहित होने के आधार पर मृतक आश्रित के रूप में नियुक्ति देने से इंकार करने के आदेश को रद्द कर दिया है और दो माह में निर्णय लेने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति जे.जे मुनीर ने मंजुल श्रीवास्तव की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है। याची का कहना था कि विमला श्रीवास्तव केस मे कोर्ट ने नियमावली में अविवाहित शब्द को असंवैधानिक करार देते हुए रद कर दिया है। इसलिए याची विवाहित पुत्री को आश्रित कोटे में नियुक्ति पाने का अधिकार है। बीएसए ने कोर्ट के फैसले के विपरीत आदेश दिया है, जो अवैध है। सरकार की तरफ से कहा गया कि शब्द असंवैधानिक है किन्तु नियम सरकार ने अभी बदला नहीं है। इसलिए विवाहित पुत्री को नियुक्ति पाने का अधिकार नहीं है। याची का कहना था कि उसकी माँ प्राइमरी स्कूल चाका में प्रधानाध्यापिका थी। सेवा काल में हृदय गति रूक जाने से मौत हो गयी।उसके पिता बेरोजगार हैं। मां की मौत के बाद जीवनयापन का संकट उत्पन्न हो गया है। उनके तीन बेटियां हैं। सबकी शादी हो चुकी है। याची ने आश्रित कोटे में नियुक्ति की मांग की। जिसे अस्वीकार कर दिया गया। कोर्ट ने कहा कि अविवाहित शब्द को असंवैधानिक करार देने के बाद नियमावली में पुत्री शब्द बचा है। तो बीएसए विवाहित पुत्री को नियम न बदले जाने के आधार पर नियुक्ति देने से इंकार नही कर सकता है। शब्द हटने से अब नियम बदलने की जरूरत ही नहीं है। हिन्दुस्थान समाचार/आरएन-hindusthansamachar.in

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in