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प्रयागराज जीवन ज्योति हत्याकांड के मालिक एके ​बंसल की हत्या का खुलासा, 50 हजार का इनामी गिरफ्तार

- 2017 में अस्पताल में घूसकर बदमाशों ने की थी डॉक्टर की हत्या लखनऊ, 05 अप्रैल (हि.स.)। यूपी एसटीएफ ने सोमवार को प्रयागराज जनपद के जीवन ज्योति हॉस्टिपटल के मालिक अश्वनी कुमार बंसल की हत्या में फरार 50 हजार रुपये के इनामी बदमाश मोहम्मद शोएब को लखनऊ के चिनहट से गिरफ्तार किया है। अपर पुलिस महानिदेशक एसटीएफ अमिताभ यश ने सोमवार को प्रेसवार्ता कर यह बताया कि वर्ष 2017 में जीवन ज्योति अस्पताल के डॉ. अश्वनी कुमार बंसल ओपीडी में मरीजों को देख रहे थे। इसी दौरान दो बदमाश आये और उन पर ताबड़तोड़ वारकर डॉ. अश्वनी की गोली मारकर हत्या कर फरार हो गये। मृतक के छोटे भाई प्रवीण बंसल ने अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। इसके बाद यूपी एसटीएफ फरार बदमाशों की तलाश में दबिश दे रही थी। सोमवार को चिनहट के देवा रोड मोड़ के पास स्थित मन्दिर के पीछे बदमाश किसी से मिलने आ रहा है, तभी एसटीएफ ने घेराबंदी कर बदमाश को दबोच लिया। उस पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित हुआ था। पूछताछ में बदमाश ने बताया कि उसकी दोस्ती भुलियापुर निवासी यासिर और जावेद उर्फ जब्बा, घरौरा, लालगंज निवासी मकसूद उर्फ जैद से हुई। इसके बाद हम लोगों ने एक ग्रुप बनाया और आये दिन हम लोग किसी न किसी से मारपीट करते थे। वर्चस्व को स्थापित करने के लिए उनका विवाद चुनमुन से हो गया। इसके बाद हम लोगों ने वर्ष 2015 में सफर के दौरान बस के अंदर गोली मारकर चुनमुन की हत्या कर दी। 55 लाख रुपये को लेकर हुई डॉ. बंसल की हत्या आरोपित ने पुलिस को बताया कि डॉ. बंसल ने अपने बेटे के एडमीशन के लिए 55 लाख रुपये आलोक सिन्हा को दिए थे, लेकिन आलोक ने उनका पैसा हड़प लिया। जिसके बाद बंसल ने आलोक के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवा कर जेल भिजवा दिया था। डॉ. बंसल द्वारा आलोक के खिलाफ अन्य राज्यों में दर्ज मुकदमें को लेकर पैरवी शुरु कर दी। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आलोक को नैनी जेल भेज दिया, जहां उनकी जेल में बंद दिलीप मिश्रा, अशरफ, जुल्फिकार उर्फ तोता, गुलाम रसूल से हुई। इसी दौरान आलोक ने उन लोगों ने डॉ. बसंल की हत्या के लिए कहा तो वो लोग राजी हो गये। उन लोगों ने अबरार मुल्ला के माध्यम से मकसूद उर्फ जैद, यासिर और मुझसे सम्पर्क किया। इसके बाद अपने साथी यासिर, मकसूद के साथ अस्पताल पहुंचे और डॉ. बंसल की गोली मारकर हत्या कर दी। घटना के बाद मकसूद व यासिर के बीच में पैसे को लेकर झगड़ा हो गया, जिस पर अबरार मुल्ला के कहने पर डेढ़ माह बाद यासिर की गोली मारकर हत्या कर दी। मकसूद पकड़ा गया है, लेकिन उसका नाम नहीं आया। हत्या के प्रयास में मुझे जेल भेज दिया गया। इसके बाद जेल से छूटने के बाद वह मुंबई चला गया और आज लखनऊ में किसी से मिलने जा रहा था, तभी एसटीएफ ने उसे पकड़ लिया। हिन्दुस्थान समाचार/दीपक

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