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पुलिस की नोटिस पर बलिया पहुंचे रिटायर्ड आईएएस सूर्य प्रताप सिंह

बलिया, 15 जून (हि.स.)। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान गंगा में तैरते शवों से सम्बंधित ट्वीट किए जाने के बाद रिटायर्ड आईएएस सूर्य प्रताप सिंह पर बलिया में भी मुकदमा दर्ज किया गया था। इसी मामले में पुलिस द्वारा नोटिस दिए जाने पर उन्होंने मंगलवार को बलिया पहुंच कर जांच अधिकारी के समक्ष अपना बयान दर्ज कराया। उल्लेखनीय है कि अप्रैल-मई महीने में कोरोना की दूसरी लहर की पीक के दौरान काफी मौतें हो रही थीं। आरोप हैं कि मई के पहले सप्ताह में रिटायर्ड आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने गंगा में तैरते शवों को लेकर ट्वीट किया था। बलिया शहर कोतवाली में रिटायर्ड आईएएस सूर्य प्रताप सिंह पर 12 मई को शहर कोतवाल बालमुकुंद मिश्र की तहरीर पर एफआईआर दर्ज हुई थी। उन पर तैरते शवों को लेकर भ्रम फैलाने का आरोप लगा था। इस मामले की जांच दुबहड़ थाने के प्रभारी निरीक्षक को सौंपी गई है। इसी मामले में नोटिस दिए जाने पर सूर्य प्रताप सिंह मंगलवार को अपने वकीलों के साथ बलिया के दुबहड़ थाने पहुंचे। उन्होंने जांच अधिकारी इंस्पेक्टर अनिल चन्द्र तिवारी के समक्ष अपना बयान दर्ज कराया। पुलिस के सामने बयान दर्ज कराने के बाद सूर्य प्रताप सिंह ने पत्रकारों से कहा कि लोकतंत्र में अभिव्यक्ति की आजादी है। जिसे दबाया नहीं जा सकता। इसके पहले ट्विटर पर काफी सक्रिय रहने वाले सूर्य प्रताप सिंह ने बलिया आने की जानकारी भी ट्वीट के माध्यम से दी थी। उन्होंने ट्वीट किया था कि ’ख़ुशी है कि ’बागी बलिया’ जा रहा हूं। 1942 में भारत का तिरंगा फहराने वाला बलिया देश का पहला जिला बना। अन्याय के खिलाफ आवाज़ उठाने में बलिया का इतिहास स्वर्णिम है और दिल बड़ा है।’ हिन्दुस्थान समाचार/पंकज/विद्या कान्त

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