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हमीरपुर के स्कूलों में चलेगी रीमेडियल क्लास

- ध्यानाकर्षण मॉडयूल से बराबरी में खड़े हो सकेंगे शैक्षिक रूप से कमजोर बच्चे हमीरपुर, 27 फरवरी (हि.स.)। शैक्षिक दृष्टिकोण से कमजोर बच्चों को बराबरी में खड़ा करने के लिए ध्यानाकर्षण मॉडयूल लागू किया गया है। इसके माध्यम से कमजोर बच्चों को रीमेडियल कोचिंग देकर उन्हें बराबरी में खड़ा किया जाएगा। बुनियादी शिक्षा को मजबूत बनाने के लिए प्रदेश सरकार हर तरह के उपाय करने में लगी है। एक ओर विद्यालयों के भौतिक संसाधनों के विकास के लिए ऑपरेशन कायाकल्प योजना लागू की गई है। इससे कक्षा कक्षों का सौंदर्यीकरण, प्रसाधन की व्यवस्था, पेयजल की व्यवस्था, हैंडवॉशिंग यूनिट, टाइल्स, विद्युतीकरण, बाउड्रीवाल निर्माण जैसे काम कराए जा रहे हैं। दूसरी तरफ बच्चों के शैक्षिक स्तर को दुरुस्त करने के लिए मिशन प्रेरणा लागू की गई है। मिशन प्रेरणा का एक अहम बिंदु ध्यानाकर्षण मॉडयूल भी है। इस मॉडयूल के अंतर्गत प्रत्येक कक्षा में शैक्षिक रूप से कमजोर बच्चों को चिंहित कर उन्हें रीमेडियल कोचिंग दी जाएगी। सर्व शिक्षा अभियान के जिला समन्वयक विपिन कुमार ने बताया कि राज्य परियोजना कार्यालय की ओर से विकसित ध्यानाकर्षण मॉडयूल का मूलभूत उद्देश्य ऐसे बच्चे जो अपनी कक्षा के अनुरूप दक्षता नहीं प्राप्त कर सके हैं। उनके लिए उपचारात्मक कक्षा शिक्षण की व्यवस्था करते हुए कक्षा के अनुरूप दक्षता हासिल करवाना है। रेमेडियल टीचिंग डायट स्तर से संचालित की जाती है। इसके लिए डायट स्तर के प्रवक्ता, मास्टर ट्रेनर नामित किए जाते हैं। जो संबंधित विद्यालयों के अध्यापकों को डायट में प्रशिक्षण देते हैं। प्रशिक्षण प्राप्त कर शिक्षक अपने विद्यालय में बच्चों को कक्षा अनुरूप दक्षता हासिल करवाने का प्रयास करेंगे। शिक्षकों के लिए हैंडबुक मैनुअल बीएसए सतीश कुमार ने शनिवार को बताया कि सर्व शिक्षा अभियान की ओर से परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों के लिए एक हैंडबुक मैनुअल दिया गया है। मैनुअल में आकर्षण पुस्तकालय, लर्निंग कार्नर, सुसज्जित कक्षा कक्ष, शैक्षिक वातावरण व शैक्षणिक अभिलेखों के रख रखाव के बारे में जानकारी दी गई है। इस हैंडबुक में दी गई जानकारी की सहायता से शिक्षक अपने विद्यालय को आदर्श विद्यालय के रूप में विकसित कर सकते हैं। हिन्दुस्थान समाचार/ पंकज

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