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बहरूपिया बन कहर बरपा रहे कोरोना के शमन के लिए दुर्लभ जनपदोध्वंस रक्षा अभिषेक अनुष्ठान

-अनादि तीर्थ दशाश्वमेध घाट पर प्रात: 06 बजे से सोमवार को होगा धार्मिक कार्यक्रम वाराणसी, 22 मई (हि.स.)। बहरूपिया बन कहर बरपा रहे कोरोना महामारी के शमन के लिए सामाजिक संगठन भी लोगों की मदद के साथ अब पूजा पाठ का भी सहारा ले रहे हैं। महामारी के शमन के लिए सामाजिक संस्था ब्रह्म सेना 24 मई सोमवार को काशी में दुर्लभ जनपदोध्वंस रक्षा अभिषेक अनुष्ठान करेगी। अनादि तीर्थ दशाश्वमेध घाट पर प्रात: 06 बजे से आयोजित अनुष्ठान में द्वादश ज्योतिर्लिंगों का आह्वान पर्थिव शिवलिंग में काशी के वैदिक ब्राह्मणों द्वारा किया जाएगा। संस्था के डॉ संतोष ओझा ने शनिवार को बताया कि ये एकमात्र ऐसा अनुष्ठान है जिसमें 12 की संख्या अथवा 12 के गुणांक का विशेष महत्व है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए इस अनुष्ठान के लिए 24 मई की तारीख का चयन किया गया है। उन्होंने बताया कि इस अनुष्ठान में 12 ज्योतिर्लिंगों का अभिषेक किया जाएगा। 12 वैदिक ब्राह्मणों द्वारा संपादित होने वाले अनुष्ठान में 12 पवित्र नदियों का आह्वान किया जाएगा। अनुष्ठान के संयोजक संजीव रत्न मिश्र एवं पं. दिनेश शंकर दुबे ने बताया कि आचार्य प्रवर चरक द्वारा प्रतिपादित जनपदोध्वंस रक्षा अभिषेक में कुशादक प्रक्रिया का पालन किया जाएगा। आवाह्ति नदियों के जल में 12 प्रकार की औषधियों का मिश्रण किया जाएगा। रुद्राभिषेक के उपरांत 12 प्रकार की औषधियों से ही हवन भी सम्पन्न किया जाएगा। डा. संतोष ने बताया कि कोविड-19 के प्रोटोकॉल का पालन करते हुए वैदिक पंचदल के सदस्य, 12 वैदिक आचार्य एवं 12 यजमान ही अनुष्ठान स्थल पर उपस्थित होंगे। अनुष्ठान आरंभ होने से पूर्व अनुष्ठान स्थल को सेनेटाइज किया जाएगा। वहां उपस्थित होने वाले सभी जन मास्क और फेसशील्ड धारण किए रहेंगे। ओझा ने बताया कि जनपदोध्वंस रक्षा अभिषेक की समस्त शास्त्रीय प्रक्रिया के अनुपालन के लिए वैदिक पंच दल का गठन किया गया है। इस अनुष्ठान में काशी के प्रकांड विद्वान पं. बटुकनाथ शास्त्री, पं. दिनेश अम्बाशंकर उपाध्याय, पं. राजेश पांडेय, पं. भृगुनाथ शास्त्री एवं पं. राघवेंद्र शास्त्री हैं। पवित्र नदियों गंगा, यमुना, सरस्वती, कृष्णा, ताप्ति, नर्मदा, शिप्रा, सिंधु, ब्रह्मपुत्र, कावेरी, गोदावरी एवं अलकनंदा का आह्वान करने के लिए मिट्टी के विशेष पात्र बनाए गए हैं। हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर

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