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रिजेनेरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम से लैस होगी रैपिड रेल, एक बार सफर करेंगे 1700 यात्री

गाजियाबाद, 02 मार्च (हि.स.)। दिल्ली और मेरठ के बीच निर्माणाधीन रैपिड रेल अब आकार ले रही है। जिसका डिजाइन और स्वरूप अब फाइनल स्टेज में है। आरआरटीएस की इस ट्रेन में इस बात का ध्यान रखा जा रहा है कि नई ट्रेन ऊर्जा कुशल हो और कम ऊर्जा खर्च करें। यह ट्रेन रिजेनेरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम से लैस होंगी और इसमें एक बार में 1700 यात्री सफर कर सकेंगे। एनसीआरटीसी के पीआरओ अभिषेक जैन ने बताया कि रैपिड ट्रेन की एक प्रमुख विशेषता इसका रिजेनेरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम से लैस होना होगा। इस ट्रेन में ब्रेक का प्रयोग करने पर बिजली पैदा होती है। यह बिजली ट्रेन के ओवर हैड ट्रैक्शन के माध्यम से बिजली ग्रिड में चली जाएगी। रिजेनेरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम से ट्रेन द्वारा प्रयोग किए जाने वाली लगभग 30 प्रतिशत बिजली की खपत कम हो जाएगी। केवल रिजेनेरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम के इस्तेमाल से सालाना बिजली की काफी बचत होगी। आरआरटीएस ट्रेन में एक बार में लगभग 1700 लोग यात्रा कर सकेंगे। इससे कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में भी पर्याप्त कमी आएगी तथा ग्रीनहाउस इफेक्ट कम होगा। आरआरटीएस सिस्टम के बनने से सड़क पर लगभग एक लाख गाड़ियां कम हो जाएंगी। जिससे दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र के प्रदूषण में भारी कमी आएगी। रिजेनेरेटिव ब्रेकिंग के परिणामस्वरूप ट्रेन के पहिये, ब्रेक पैड और ट्रेन (रोलिंग स्टॉक) के पुर्जे आदि अन्य कम खराब होते हैं तथा ज्यादा चलते हैं, परिणामस्वरूप ट्रेन के रखरखाव के दौरान इन अतिरिक्त भागों व वस्तुओं की काफी कम खपत होती है, जिससे इन स्पेयर पार्ट्स की मैन्युफैक्चरिंग करते समय उत्पन्न होने वाले कार्बन डाइऑक्साइड में भी कमी आएगी। हिन्दुस्थान समाचार/फरमान

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