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स्त्री मन के विभिन्न भावों का सजीव चित्रण है इंद्रधनुष : निर्मला दीक्षित

- शिक्षिका एवं कवयित्री अलका अग्रवाल का तृतीय काव्य संग्रह इंद्रधनुष लोकार्पित आगरा, 13 मार्च (हि.स.)। ताजनगरी की सुपरिचित कवयित्री एवं शिक्षिका अलका अग्रवाल के अनुराधा प्रकाशन, नई दिल्ली से प्रकाशित तृतीय काव्य संग्रह 'इंद्रधनुष' का लोकार्पण आगरा राइटर्स एसोसिएशन के तत्वावधान में शनिवार को संजय प्लेस स्थित एक होटल में शहर के प्रमुख साहित्यकारों द्वारा किया गया। लोकार्पण कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि और उत्तर प्रदेश महिला आयोग की सदस्य निर्मला दीक्षित ने कहा कि अलका अग्रवाल की कविताओं और काव्य संग्रह 'इंद्रधनुष'में स्त्री मन के विविध भावों का सजीव चित्रण किया गया है। 70 काव्य रचनाओं के अनूठे काव्य संग्रह की समीक्षा करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. रेखा कक्कड़ ने कहा कि इंद्रधनुष जीवन के सप्तरंगी यथार्थ, विचार और कल्पना की सुंदर अभिव्यक्ति है। शैल अग्रवाल ने कहा कि इंद्रधनुष भावों और शब्दों का आकर्षक संयोजन है। इस अवसर पर लोकार्पित कृति की रचनाकार अलका अग्रवाल ने कहा कि लेखन न केवल लेखक के जीवन को सकारात्मक बनाता है बल्कि वह पाठक को भी अपने रंग में रंग लेता है। उन्होंने काव्य सृजन के दर्शन को इन पंक्तियों के साथ रेखांकित किया- 'लिखना है तो लिख ऐसा, पृष्ठ ना कोरा रह जाए। हर समस्या हल हो जाए, प्रश्न न थोड़ा रह जाए।' इस दौरान व्यंग्यकार अरविंद तिवारी, वरिष्ठ शायर डॉ. त्रिमोहन तरल, पूर्व जिला जज एसएस यादव, डॉ. अशोक विज, वरिष्ठ कवि रमेश पंडित कुमार ललित आदि उपस्थित रहे। हिन्दुस्थान समाचार/संजीव

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