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रेलवे जीएम ने विश्वस्तरीय कानपुर सेन्ट्रल स्टेशन बनाने को पुनर्विकास योजना की परखी तैयारियां

— वीडियो कांफ्रेंसिंग कर कार्यदायी संस्था आईआरएसडीसी अफसरों को आधुनिक सुविधाओं का ख्याल रखने के दिए निर्देश कानपुर, 10 अप्रैल (हि.स.)। कानपुर सेंट्रल स्टेशन और प्रयागराज जंक्शन के पुनर्विकास को लेकर महाप्रबंधक विनय कुमार त्रिपाठी ने मुख्यालय के अधिकारियों के साथ शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की। विकास समीक्षा करते हुए उन्होंने पुनर्विकास योजना को लेकर दोनों स्टेशनों को विश्वस्तरीय सुविधाओं के साथ विकसित करने की बात कही। बताया गया कि, आईआरएसडीसी ने उत्तर मध्य रेलवे के ग्वालियर, प्रयागराज जंक्शन, कानपुर सेंट्रल और आगरा कैंट स्टेशनों का पुनर्विकास किया जाएगा। इस दौरान संजीव कुमार लोहिया एमडी और सीईओ आईआरएसडीसी के नेतृत्व में अधिकारियों की टीम ने उत्तर मध्य रेलवे के दो सबसे महत्वपूर्ण एनएसजी-2 स्टेशनों के पुनर्विकास पर विस्तृत प्रस्तुति दी। बताया कि, पीपीपी मॉडल के माध्यम से प्रस्तावित पुनर्विकास के तहत दोनों स्टेशनों को विकसित और अनुरक्षित भी किया जाएगा। स्टेशनों के लिए प्रस्तावित विकास कार्य 7-सीएस अवधारणा पर आधारित है। जिसमें सिटी सेंटर का निर्माण, कंजेशन फ्री स्टेशन अर्थात अलग आगमन और प्रस्थान, लिफ्ट, एस्केलेटर, अन्य यात्री सुविधा की उपलब्धता, मौजूदा प्रकृति और स्वरूप का संरक्षण, स्वच्छता, संचार सुविधाएं और परिवहन के अन्य साधनों के साथ संयुक्त विकास शामिल हैं। योजनाओं की तैयारी और अंतिम रूप देते समय, स्टेशन और उसके आसपास के विकास और शहर में मेट्रो आदि के साथ कनेक्टिविटी को भी शामिल किया जा रहा है ताकि यात्रियों को एक सुखद यात्रा का अनुभव प्रदान किया जा सके। प्रयागराज जंक्शन के लिए प्रस्तावित योजना के तहत माघ, कुंभ और महाकुंभ मेला अवधि के दौरान तीर्थयात्रियों के यातायात को सुचारू रूप से चलाने के लिए आवश्यक सुविधा पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। ग्वालियर, प्रयागराज जंक्शन और कानपुर सेंट्रल के पुनर्विकास के लिए मास्टर प्लान आईआरएसडीसी ने तैयार किया है। महाप्रबंधक ने आईआरएसडीसी और रेलवे के अधिकारियों को निर्देशित किया कि प्रयागराज जंक्शन और कानपुर सेंट्रल स्टेशनों की विकास योजना की समीक्षा करें। इसमें यह सुनिश्चित करें कि यात्री और अन्य सुविधाओं की सभी वर्तमान और भविष्य की आवश्यकताओं के अनुरूप सभी आवश्यक सुधार शामिल हो। योजना बनाते हुए और उसकी सावधानीपूर्वक जांच की जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि विकसित की जा रही सुविधाओं में डीएफसी के संचालन के साथ ट्रैफिक के संभावित परिवर्तन और वृद्धि सहित प्रयागराज छिवकी, सूबेदारगंज, गोविंदपुरी आदि जैसे सैटेलाइट स्टेशनों के विकास को भी ध्यान में रखा जाए। उन्होंने इस पर विशेष बल दिया कि शहर और आस-पास के स्थानों के विकास के अनुरूप ही स्टेशन पर विकास होना चाहिए, ताकि यह लंबे समय तक जनता की आकांक्षाओं पर खरा उतर सके। हिन्दुस्थान समाचार/हिमांशु

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