पुरुषोत्तम दास टंडन का व्यक्तित्व एवं कृतित्व अनुकरणीय : कुलपति
पुरुषोत्तम दास टंडन का व्यक्तित्व एवं कृतित्व अनुकरणीय : कुलपति

पुरुषोत्तम दास टंडन का व्यक्तित्व एवं कृतित्व अनुकरणीय : कुलपति

मुक्त विवि में कुलपति ने किया राजर्षि टंडन की प्रतिमा का अनावरण प्रयागराज, 01 अगस्त (हि.स.)। बहुआयामी व्यक्तित्व से सम्पन्न एवं भारत तथा भारतीयता के सेवक भारत रत्न पुरुषोत्तम दास टंडन राष्ट्र के सजग प्रहरी थे। उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन राष्ट्र सेवा हेतु समर्पित कर दिया। वर्तमान पीढ़ी एवं आने वाली पीढ़ी के लिए उनका व्यक्तित्व एवं कृतित्व अनुकरणीय है। उक्त विचार उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर कामेश्वर नाथ सिंह ने शनिवार को विश्वविद्यालय में उनके जन्मदिन पर प्रतिमा का अनावरण करते हुए व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्र के प्रति सेवा साधना एवं समर्पण के प्रति यदि किन्हीं कारणों से किसी का मन विचलित हो तो उसे राजर्षि पुरुषोत्तम दास टंडन के व्यक्तित्व एवं कृतित्व को समझना चाहिए। उनका मानना था कि हिन्दी भारत की आत्मा है और औपनिवेशिक सोच एवं मानसिकता से उबरने के लिए हिन्दी का संवर्धन अनिवार्य है। हिन्दी के साथ-साथ वे अन्य भारतीय भाषाओं को विकसित करने के पक्षधर थे। भारत सरकार ने नई शिक्षा नीति में मातृभाषा के माध्यम से प्राथमिक शिक्षा का प्रावधान कर राजर्षि टंडन के प्रति सच्ची कृतज्ञता ज्ञापित किया है। गौरतलब है कि मुक्त विवि में राजर्षि पुरुषोत्तम दास टंडन की प्रतिमा का अनावरण विश्वविद्यालय की स्थापना काल से ही प्रतीक्षित था, जो आज पूर्ण हो गया। प्रतिमा अनावरण के अवसर पर विश्वविद्यालय के वित्त अधिकारी अजय कुमार सिंह, परीक्षा नियंत्रक देवेंद्र प्रताप सिंह, उपकुलसचिव इंजी सुखराम मथुरिया, संपत्ति अधिकारी डॉ.अनिल सिंह भदौरिया, पाठ्य सामग्री प्रभारी डॉ. एस कुमार, डॉ. सतीश चंद जैसल, डॉ. अभिषेक सिंह, डॉ. प्रभात चंद्र मिश्र, इंदु भूषण पांडेय आदि ने सहभाग किया। हिन्दुस्थान समाचार/विद्या कान्त/संजय-hindusthansamachar.in

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