गुरू पूर्णिमा पर्व पर गंगा घाटों पर पसरा सन्नाटा,गुरूपीठों और आश्रम में बंद कपाट के अंदर गुरूपूजा
गुरू पूर्णिमा पर्व पर गंगा घाटों पर पसरा सन्नाटा,गुरूपीठों और आश्रम में बंद कपाट के अंदर गुरूपूजा

गुरू पूर्णिमा पर्व पर गंगा घाटों पर पसरा सन्नाटा,गुरूपीठों और आश्रम में बंद कपाट के अंदर गुरूपूजा

वाराणसी,05 जुलाई (हि.स.)। गुरू पूर्णिमा पर्व पर रविवार को गंगाघाटों पर सन्नाटा पसरा हुआ है। कोरोना संकट काल में गंगा स्नान पर लगे प्रतिबंध के चलते श्रद्धालु मन मसोस कर रह गये। गंगा घाट पर भी स्नानार्थियों को आने से रोकने के लिए सुरक्षा का व्यापक प्रबंध रहा। जिला प्रशासन ने घाटों की ओर जाने वाले मार्गों को भी बंद कर दिया था । कुछ लोग गंगा स्नान के लिए गये तो पुलिस कर्मियों ने प्रतिबंध का हवाला देकर उन्हें घर वापस लौटा दिया। पर्व पर लोगों ने घर में ही स्नान ध्यान के बाद गुरू की मानस पूजा की। उधर,नगर के प्रसिद्ध गुरूपीठों और आश्रम भी आम भक्तों के लिए बंद रहे। रविन्द्रपुरी स्थित अघोरपीठ बाबा कीनाराम स्थली क्रीं कुंड,पड़ाव स्थित अघोर पीठ श्री सर्वेश्वरी समूह संस्थान देवस्थानम,गढ़वाघाट स्थित संतमत अनुयायी आश्रम मठ,दुर्गाकुण्ड स्थित श्री धर्मसंघ शिक्षा मंडल आदि आश्रम में आम श्रद्धालुओं का प्रवेश कोरोना संकट के चलते प्रतिबंधित रहा। मणिकर्णिका घाट स्थित श्री सतुआ बाबा आश्रम में कुछ चुनिंदा लोगों ने पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर सन्तोष दास सतुआ बाबा का आर्शिवाद शारीरिक दूरी के नियमों का पालन करते हुए लिया। कश्मीरी गंज स्थित श्रीराम मंदिर में भी श्रद्धालु जगद्गुरु अनन्तानन्द द्वाराचार्य स्वामी डॉ. रामकमल दास वेदांती का दर्शन पूजन नही कर पाये। गढ़वाघाट आश्रम में कपाट बंद कर गुरूपूर्णिमा का पर्व मनाया गया। आश्रम में रहने वाले संत महात्माओं ने चेहरे पर मास्क लगाने के बाद शारीरिक दूरी के नियमों का पालन करते हुए पीठाधीश्वर सदगुरू सरनानंद का पूजा अर्चना कर विधिवत उनकी आरती उतारी। इसके बाद सादगी से गुरू पूर्णिमा की रस्म निभाई गई। डुमराव बाग अस्सी स्थित आदि शंकराचार्य महासंस्थान सुमेरु पीठ में अलसुबह पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती ने गुरुपर्व पर प्रात:काल चार बजे ब्रम्ह मुर्हुत में चर्तुवेद स्वस्ति उद्घोष,मंगलाचरण के साथ भगवान चन्द्रमौलिश्वर का रुद्राभिषेक,राज राजेश्वरी त्रिपुर सुन्दरी षोडसी बाला पराम्बा भगवती ललिताम्बा का लक्षार्चन,भगवान वेद व्यास एवं आदि शंकराचार्य से लेकर सुमेरु पीठ के 62 ब्रह्मलीन शंकराचार्यों की पादुकाओं का दिव्यार्चन किया । इस दौरान आश्रम में आम लोगों का प्रवेश प्रतिबंधित रहा। नगर के कई आश्रम मठों में पीठाधीश्वरों ने अपने भक्तों को डिजिटली दर्शन दिया। इसके लिए यूट्यूब या अन्य माध्यमों से जुडऩे के लिए भक्तों को लिंक जारी किया गया। हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/मोहित-hindusthansamachar.in

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