Procession taken out in Dharmanagri on the birth anniversary of Golokwasi Mahant Prem Pujari Das Maharaj
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गोलोकवासी महंत प्रेम पुजारी दास महाराज के जन्मोत्सव पर धर्मनगरी में निकाली गई शोभायात्रा

चित्रकूट,14 जनवरी (हि. स.)। श्री कामदगिरि ट्रस्ट राम मोहल्ला प्रमुख द्वार के गोलोकवासी कामदगिरि पीठाधीश्वर ट्रस्ट के संस्थापक सिंहस्थ भूषण प्रेम पुजारी दास का 111 वां जन्मोत्सव धर्मनगरी में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर रामनाम संकीर्तन और गाजे बाजे के साथ धर्मनगरी के साधु, संतों एवं शिष्यों ने सामूहिक कामदगिरि की परिक्रमा कर भव्य शोभायात्रा निकाली। महंत जगदगुरु स्वामी रामस्वरूप आचार्य महाराज एवं व्यवस्थापक संत मदन गोपाल दास महाराज के नेतृत्व में शोभायात्रा एवं व्याख्यानमाला हुए। कामदगिरि प्रमुख द्वार के महंत पीठाधीश्वर जग्द्गुरू रामस्वरूप आचार्य महाराज ने गुरुवार को बताया कि सिंहस्थ भूषण महंत प्रेम पुजारी दास के जन्मोत्सव का चित्रकूट में उल्लास है। उनका जन्म 14 जनवरी 1910 को हुआ और वर्ष 1984 में ब्रह्मलीन हो गए थे। उनका आध्यात्मिक जीवन धर्मनगरी चित्रकूट के दीनहीन, निराश्रित लोगों की सेवा करना परमेश्वर की सेवा तुल्य है। इनका पूर्व नाम उमाशंकर मिश्र था जो कि बाद में आश्रम के तत्कालिन महंत पंचम दास ने प्रेम पुजारी दास नाम दिया, क्योंकि उनका प्रेम सभी जीवो के लिए एक समान था। वह पशु और पक्षियों को भी मनुष्यों के भांति ही प्रेम भाव रखते थे। सभी जीवो के साथ प्रेम भाव रखने के चलते ही उनका नाम प्रेम पुजारी पड़ा। रामानंदी संप्रदाय से जुड़े होने के चलते विरक्त भाव का व्यक्ति ही ट्रस्ट का अधिकारी बन सकता है। शिक्षा के क्षेत्र में चित्रकूट उपेक्षित था। उन्होंने उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की स्थापना इसी उद्देश्य को लेकर की। गौशाला, पाठशाला, औषधालय, भंडारा आदि संचालित कराया था। संत मदन गोपालदास ने बताया कि महंत प्रेम पुजारी दास महाराज की जन्मभूमि बाराबंकी उत्तर प्रदेश है। वर्ष 1952 से 1957 तक वह हैदरगढ़ क्षेत्र से विधायक थे। राजनीतिक जीवन से संन्यास लेकर उन्होंने चित्रकूट को अपनी आध्यात्मिक कर्म स्थली बनाया। कामदगिरि पीठाधीश्वर अखिल भारतीय निर्मोही अखाड़ा से जुड़ा हुआ है। रामानंदी संप्रदाय का अनुसरण करते हैं। सर्वप्रथम पंजाबी भगवान के महंत ने जन्मोत्सव मनाया था। जिसके पश्चात प्रतिवर्ष उनका जन्म उत्सव मनाया जाने लगा। वर्तमान समय में महाराज रामस्वरूप आचार्य की स्वीकृति से पर्यावरण संरक्षण, स्वच्छ सुंदर चित्रकूट आदि प्रकल्प शुरू किए गए हैं। इस मौके पर धर्मनगरी के समस्त मठ मंदिरों के साधु, संत समाज, रामानंदी संप्रदाय के समस्त भक्तगण की उपस्थिति रही।हजारो भक्तो ने भण्डारा में प्रसाद ग्रहण किया।कार्यक्रम में निर्मोही अखाड़ा के महंत ओंकार दास महाराज,बाबा रामदास ब्रम्हचारी, नरसिंह दास आदि सैकड़ो संत मौजूद रहे। हिन्दुस्थान समाचार/रतन-hindusthansamachar.in

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