शिक्षक भर्ती मामले में प्रियंका का तंज, कहा सिस्टम में बैठे लोगों की सांठगांठ से होता रहा महाघोटाला
शिक्षक भर्ती मामले में प्रियंका का तंज, कहा सिस्टम में बैठे लोगों की सांठगांठ से होता रहा महाघोटाला

शिक्षक भर्ती मामले में प्रियंका का तंज, कहा सिस्टम में बैठे लोगों की सांठगांठ से होता रहा महाघोटाला

लखनऊ, 11 जून (हि.स.)। प्रदेश में 69,000 शिक्षक भर्ती मामले को लेकर सियासत और तेज हो गई है। कांग्रेस महासचिव और उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा लगातार इस मामले को लेकर योगी सरकार पर हमलावर बनी हुई हैं। उन्होंने गुरुवार को ट्वीट कर सरकार की व्यवस्था पर सवाल उठाये। प्रियंका वाड्रा ने लिखा 'लाखों युवाओं ने परीक्षा दी, लाखों ने नौकरी की आस लगाई, लाखों ने साल भर इंतजार किया। भाजपा सरकार की नाक तले ये महाघोटाला सिस्टम में बैठे लोगों की सांठगांठ से होता रहा। साल भर इसे दबाए रखा। अब सरकार को परीक्षा में शामिल हुए मेहनती छात्रों व सफल हुए लोगों को जवाब देना ही होगा।' प्रियंका ने इससे पहले भी इस भर्ती से सम्बन्धित अनामिका शुक्ला प्रकरण को लेकर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। उन्होंने ट्वीट किया कि ये इंतिहा है भ्रष्टाचार की। यूपी सरकार को अनामिका शुक्ला के घर जाकर उनके पूरे परिवार से माफी मांगनी चाहिए। गरीबी की पीड़ा झेल रही अनामिका शुक्ला को पता भी नहीं था उसके नाम पर ये चल रहा है। यूपी सरकार और उनके शिक्षा विभाग की नाक के नीचे चल रही लूट की व्यवस्था ने एक साधारण महिला को अपना शिकार बनाया। ये चौपट राज की हद है। प्रियंका ने कहा कि अनामिका को न्याय मिलना चाहिए। उन्हें मानहानि का मुआवजा दिया जाए, सरकारी नौकरी और पूरे परिवार को तुरंत सुरक्षा व्यवस्था दी जाए। इस बीच कासगंज के अनामिका शुक्ला उर्फ सुप्रिया सिंह प्रकरण में पुलिस ने गुरुवार को मास्टरमाइंड राज उर्फ नीटू के भाई जसवंत को जनपद मैनपुरी से गिरफ्तार किया है। जसवंत भी अपने ही जनपद के एक शिक्षित युवक के फर्जी दस्तावेजों के आधार पर शिक्षक पद पर नौकरी कर रहा है। वर्ष 2015 से जनपद कन्नौज में शिक्षक के रूप में तैनात जसवंत अब प्रधानाध्यापक पद पर प्रोन्नत हो चुका है। उसने खुलासा किया है कि अपने भाई पुष्पेंद्र के साथ मिलकर उसने प्रदेश के विभिन्न जनपदों में प्राइमरी विद्यालयों एवं कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में तमाम लोगों को फर्जी डिग्रियों के आधार पर नियुक्तियां दिलाई हैं। आरोपित जसवंत ने कबूल किया है कि लगभग दो वर्ष पूर्व उसके भाई से सुप्रिया सिंह की जान पहचान हुई थी। इसके बाद सुप्रिया सिंह को अनामिका शुक्ला के नाम के फर्जी दस्तावेज डेढ़ लाख रुपये की कीमत में बेचे गए थे। इन्हीं दस्तावेजों के आधार पर सुप्रिया सिंह की कासगंज विकासखंड के ग्राम फरीदपुर में स्थित कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में तैनाती सुनिश्चित कराई गई थी। आरोपित युवक ने बताया कि कासगंज जनपद की एकमात्र सुप्रिया उर्फ अनामिका शुक्ला ही फर्जी शिक्षिका के रूप में उनके द्वारा शिक्षा विभाग में नियुक्त नहीं कराई गई है। बल्कि पूरे प्रदेश भर के विभिन्न जनपदों में उनके द्वारा फर्जी दस्तावेजों के आधार पर तमाम शिक्षकों की नियुक्तियां कराई गई है। पुलिस ने आरोपित जसवंत के बयान के आधार पर रिपोर्ट शासन को भेजी है, जिससे संबंधित जनपदों में भी शिक्षा विभाग की जांच पड़ताल कराई जा सके। हिन्दुस्थान समाचार/संजय-hindusthansamachar.in

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