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बन्दी समाज की मुख्यधारा से जुड़कर जीवन में बदलाव ला सकेंगे - जिलाधिकारी

अशिक्षित जेल बंदियों के लिए हुआ सारक्षता कार्यक्रम फतेहपुर, 12 जून (हि.स.)। जिला कारागार में शनिवार को अशिक्षित निरुद्ध बन्दियों को शिक्षित करने के उद्देश्य से साक्षरता मिशन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिलाधिकारी अपूर्वा दुबे ने साक्षरता मिशन कार्यक्रम का फीता काटकर शुभारम्भ किया। कहा कि बन्दी समाज की मुख्यधारा से जुड़कर अपने जीवन में बदलाव ला सकेंगें। इस अवसर पर महिला बन्दियों ने आये अतिथियों का गीत के माध्यम से स्वागत किया। जिलाधिकारी ने कहा कि इस पुनीत कार्य एवं नई पहल के लिए जेल प्रशासन, शिक्षा विभाग, अय्यूम वेलफेयर सोसायटी की मैं प्रशंसा करती हूँ। इस तरह के कार्यक्रमों से जहां बन्दियों के जीवन स्तर में सुधार आएगा, वहीं बन्दी शिक्षा को अपने जीवन में उतारकर समाज की मुख्यधारा से जुड़कर अपने जीवन में बदलाव ला सकेंगें। उन्होंने कहा कि जीवन को सार्थक बनाने का मौका मिल रहा है, जिसे सीखकर वह अपने जीवन को सार्थक बनाये। उन्होंने कैदियों को बैग, चश्मा और सिलाई प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके बन्दियों को प्रमाण पत्र वितरित किया। जेल अधीक्षक मोहम्मद अकरम ने कहा कि साक्षरता मिशन के तहत बन्दियों को शिक्षित करके उनके व्यक्तित्व में सुधार लाने का प्रयास किया जाएगा। शिक्षा के बिना व्यक्ति बिना पंख की चिड़िया के समान है। वर्तमान में जेल में 1600 बन्दियों के सापेक्ष लगभग 300 बन्दी निरक्षर हैं, जिन्हें साक्षर करने का कार्य किया जाएगा। ट्रूथ मिशन स्कूल के माध्यम से शिक्षण सामग्री प्राप्त हो गई है, कैदियों को माध्यमिक शिक्षा, हाईस्कूल, इंटरमीडिएट और स्नातक की डिग्री दिलाई जायेगी। उन्होंने कहा कि महिला बन्दियों के छोटे बच्चों के लिए आंगनबाड़ी केन्द्र की स्थापना करायी जाएगी। ऐसे साहसी कार्यों को सम्पन्न करने के लिए जिलाधिकारी का सहयोग मिल रहा है। इस अवसर पर जिला विद्यालय निरीक्षक महेन्द्र प्रताप सिंह, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी शिवेन्द्र प्रताप सिंह, सचिव प्रेरित मानसिंह, शरद मानसिंह सहित जेल प्रशासन के कर्मचारी उपस्थित रहे। हिन्दुस्थान समाचार/देवेन्द्र/विद्या कान्त

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