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प्रयागराज : 'बौद्धिक सम्पदा' विषय पर दो दिवसीय ऑनलाइन कार्यशाला

प्रयागराज, 23 फरवरी (हि.स.)। झलवा स्थित भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान में मंगलवार को 'बौद्धिक सम्पदा' विषय पर दो दिवसीय ऑनलाइन कार्यशाला का उद्घाटन संस्थान के निदेशक प्रो पी नागभूषण ने किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि बौद्धिक सम्पदा अधिकार क्षेत्र में हो रही शोध एवं अनुसंधान का फायदा उन्हीं राष्ट्रों को मिल रहा है, जो आज देश के उच्च शिक्षण संस्थान अपने शोध का पेटेंट कर रहा है। उन्होंने कहा कि बौद्धिक सम्पदा को संरक्षित करने की आवश्यकता और वैज्ञानिक अनुसंधान में नैतिकता के बारे में जागरुकता बढ़ाने के लिए डिजाइन किया जाना चाहिए। इस तरह के कार्यशाला में छात्रों और संकाय सदस्यों को लाभ होगा। प्रो कृष्णा मिश्रा ने वैज्ञानिक अनुसंधान और साहित्यिक चोरी में नैतिक विचार विषय पर प्रकाश डाला। कहा कि इंटरनेट युग में साहित्य चोरी की घटनाएं बढ़ी हैं। इसके लिए लोगों में नैतिक विचार आने चाहिए और किसी के साहित्य की चोरी नहीं करनी चाहिए। बल्कि स्वयं इस क्षेत्र में शोध करना चाहिए। मईक्रेव कंसल्टेंसी की पूजा मेनन और ध्रुव ब्रह्मभट्ट ने बौद्धिक सम्पदा, कॉपी राइट, पेटेंट, ट्रेडमार्क की बारीकियों से प्रतिभागियों को अवगत कराया। कार्यशाला समन्वयक डॉ अमित प्रभाकर ने कार्यशाला की रुपरेखा प्रस्तुत करते हुए बौद्धिक सम्पदा की बारीकियों से प्रतिभागियों को अवगत कराया। उन्होंने बताया की भारत में निर्माण अवधारणा में आईपी की भूमिका, पटेंट, ट्रेडमार्क, कापीराइट, ई-फाइलिंग, आईडीईएएस-साझा करने से पहले सावधान रहे। देश आईटी की दुनिया में कहां खड़ा है। उक्त जानकारी संस्थान के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी डॉ पंकज मिश्र ने दी। हिन्दुस्थान समाचार/विद्या कान्त

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