गजल सम्राट दुष्यंत कुमार की स्मृति में काव्य गोष्ठी
नजीबाबाद (बिजनौर), 28 दिसम्बर (हि.स.)। हिन्दी गजल सम्राट दुष्यंत कुमार की स्मृति में नजीबाबाद में सोमवार को युग हस्ताक्षर संस्था ने काव्य गोष्ठी का आयोजन किया। गोष्ठी में कवियों ने अपनी रचनाओं के माध्यम से दुष्यंत कुमार को याद किया। युग हस्ताक्षर संस्था की ओर से आदर्श नगर स्थित जयप्रकाश शर्मा के आवास पर एक काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। हिन्दी गजल सम्राट दुष्यंत कुमार की स्मृति एवं नववर्ष के स्वागत में गोष्ठी का शुभारंभ जयप्रकाश शर्मा ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत कर किया। सत्येंद्र गुप्ता ने कहा कि मुबारक सबको नया साल हो, खुशियों से सब को तरबतर कर दो। भगीरथ सिंह बिजोगी ने कहा कि लख्ते जिगर मेरे लालो तुम्हें धर्म को अपने निभाना है, बनाकर मौत दुल्हन अपनी गले से अपने लगाना है। कुमुद कुमार ने कहा कि हाथ में कुदाल और माथे पर स्वाभिमान है, इस जग में किसान की अपनी आन बान और शान है। सरदार जितेंद्र सिंह कक्कड़ ने कहा कि हम मरजीवड़े हैं कौम के मरने से नहीं डरते। अशोक सविता ने कहा कि हर पल अनिश्चितता से घिरा है, जिंदगी बैसाखियों पर ठहरी है। मनोज त्यागी ने कहा कि मन है सूना सूना सा टूटा एक खिलौना सा। इंद्र त्यागी ने कहा कि अभागी हो गई है प्यास अपने अधरों की इतनी, समुंदर के किनारे घर मगर जल को तरसते हैं। निशा अग्रवाल ने कहा कि बस अब हमें बलिदान की. आओ आरती उतारे भारत देश महान की। भगीरथ सिंह जोगी की अध्यक्षता और कुमुद कुमार के संचालन में आयोजित गोष्ठी में मुख्य अतिथि सत्येंद्र गुप्ता ने विचार व्यक्त किए। हिन्दुस्थान समाचार/रिहान अन्सारी-hindusthansamachar.in