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शुद्ध प्राणवायु के साथ पौष्टिक आहार के लिए लगाएं सब्जी बगीचा : डॉ. निमिशा अवस्थी

- घर की छतों पर भी तैयार किया जा सकता है सब्जी बगीचा मो. महमूद कानपुर, 12 मई (हि.स.)। वैश्विक महामारी कोरोना काल में जहां लोग ऑक्सीजन और अपनी इम्युनिटी बढ़ाने के लिए संघर्षरत हैं, तो वही छोटा सा प्रयोग सब्जी बगीचे (किचन गार्डन) से इससे निजात मिल सकती है। सब्जी बगीचा से जहां एक तरफ शुद्ध वायु प्राण मिलता है, तो वही पौष्टिक आहार भी आसानी से मिल जाता है। इसके साथ ही हल्का शारीरिक व्यायाम भी स्वस्थ्य रहने के लिए मिल जाता है। ये सब्जी बगीचा घरों की छतों पर या छोटी खाली जगह पर तैयार किया जा सकता है। यह बातें बुधवार को कृषि विज्ञान केंद्र की गृह वैज्ञानिक डॉ. निमिशा अवस्थी ने कही। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. डी.आर.सिंह के निर्देश पर दिलीप नगर स्थित कृषि विज्ञान केंद्र की ग्रह वैज्ञानिक डॉ. निमिशा अवस्थी ने कोरोना काल को देखते हुए मीडिया प्रभारी डॉ. खलील खान के माध्यम से एडवाइजरी जारी की है। डॉ. निमिशा अवस्थी ने बताया कि कोरोना के इस घातक सेकेंड वेव ने सभी को प्राणवायु यानी ऑक्सीजन की कीमत बता दी है, अगर आप अपने घर एक पौधा लगाते हैं तो उसका उत्पाद तो मिलता ही है, साथ ही शुद्ध वायु भी मुफ्त में मिलती है। उन्होंने कहा कि इस दौर में इम्युनिटी बढ़ाने वाला खाना पीना इस वक्त अच्छा है। साग-सब्जियों का हमारे दैनिक भोजन में महत्वपूर्ण स्थान है। क्योंकि ये विटामिन, खनिज लवण, कार्बोहाइड्रेट, वसा व प्रोटीन के अच्छे स्रोत होते हैं। इसलिए आप अपने घर के आंगन में, घर की छत पर या आपके पास कोई खाली जमीन है, तो आप आसानी से सब्जी बगीचा (किचन गार्डन) बना सकते हैं। इससे आपको शुद्ध सब्जियां भोजन में मिल सकेंगी। शास्त्रियों एवं वैज्ञानिकों के अनुसार संतुलित भोजन के लिये एक वयस्क व्यक्ति को प्रतिदिन 85 ग्राम फल एवं 300 ग्राम सब्जियों का सेवन करना चाहिए। जिसमें लगभग 125 ग्राम हरी पत्तेदार सब्जियां, 100 ग्राम जड़ वाली सब्जियां और 75 ग्राम अन्य प्रकार की सब्जियों का सेवन करना चाहिये। लेकिन वर्तमान मे इनकी उपलब्धता मात्र 190 ग्राम है। उन्होंने बताया कि नगरीय क्षेत्रों में, छत में या ऐसी कोई उपलब्ध खुली जगह जहा पर्याप्त मात्रा में धूप आती हो, गमलों में प्लास्टिक शीट या बॉटल्स में, घर की पुरानी प्लास्टिक की बाल्टियों, ड्रम, टब इत्यादि में मिटटी व आवश्यक उर्वरक इत्यादि का मिश्रण भरकर सब्जी उगा सकते हैं। इससे एक तो ताजी सब्जियां मिलेंगी ही, घर में हरियाली मन को प्रसन्नता की अनुभूति कराएगी। साथ ही घर में स्वस्थ्य एवं शुद्ध प्राण वायु का भी संचार होगा। इसके अतिरिक्त कोरोना कॉल में धनात्मक सोच रहेगी और मन प्रसन्न चित्त रहेगा। डॉ. अवस्थी ने बताया कि शहरी क्षेत्रों में हमारे घर के आस-पास कई ऐसी जगह है। जिसका उपयोग हम सब्जियां उगाने के लिए कर सकते हैं। यदि वहां की मिट्टी ठोस हो तो पहले उसे खुदाई कर के खेत जैसी बना ले और संभव हो तो उसमें किसी तालाब की उपजाऊ मिट्टी और गोबर की खाद्य आदि डालकर अच्छी तरह से जुताई कर दें। उसके बाद उसमें छोटी-छोटी क्यारियां बना कर उसमे आप अपनी मन-पसंद सब्जियों को लगा सकते है. यदि आपके पास सिंचाई के पानी की कमी हो तो किचन से निकले व्यर्थ पानी को आप पाइप के द्वारा सब्जियों की सिंचाई कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त शहरीय क्षेत्रों में गमले में सब्जी उगाने के लिए आपको ज्यादा जगह की जरूरत नहीं पड़ती है, बालकनी या ऐसी थोड़ी सी भी खाली जगह जहां गमला रख सकते हैं। वहां बहुत आसानी से गमले में सब्जियों को उगा सकते हैं। गमला मिट्टी का हो तो यह काफी अच्छा रहेगा। इसके इलावा आप अपने घर पर पड़ी खराब बाल्टियां, तेल के पीपे, लकड़ी की पटरियां आदि भी उपयोग कर सकते हैं। बस उनके नीचे दो या चार छेद कर के पानी की निकासी जरूर कर दें। हिन्दुस्थान समाचार

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