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2024 तक ग्रामीण बस्तियों में पाईप लाइन से होगी जल आपूर्ति : जिलाधिकारी

मेरठ, 29 जून (हि.स.)। जिलाधिकारी के. बालाजी ने कहा कि मार्च 2024 तक ग्रामीण बस्तियों में पाईप लाइन से स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति होगी। इसके लिए तेजी से कार्य किया जा रहा है। मंगलवार को जिला पेयजल एवं स्वच्छता मिशन समिति की बैठक में 106.33 करोड़ रुपए की 32 परियोजनाओं पर चर्चा हुई। जिलाधिकारी की अध्यक्षता ग्रामीण क्षेत्रों में जल जीवन मिशन कार्यक्रम के अंतर्गत पाईप पेयजल योजना को लेकर जिला पेयजल एवं स्वच्छता मिशन समिति की बैठक हुई। बैठक में जिलाधिकारी ने अधिकारियों की टीम बनाकर डीपीआर को चेक कराने के निर्देश दिए। इसके बाद डीपीआर को संस्तुति दी जाएगी और राज्य पेयजल एवं स्वच्छता मिशन समिति को स्वीकृति व बजट आवंटन के लिए भेजी जाएगी। सभी पाईप पेयजल परियोजनाएं सौर ऊर्जा से संचालित होगी। जिलाधिकारी ने कहा कि जनपद में उच्च गुणवत्ता की पाईप पेयजल योजनाएं बनाई जाए और उन्हें निर्धारित समय सीमा के भीतर पूरा किया जाए। जल जीवन मिषन का प्रमुख ध्येय प्रदेश व जनपद की समस्त ग्रामीण बस्तियों को मार्च 2024 तक पाईप पेयजल योजनाओ से आच्छादित करने का है। मुख्य विकास अधिकारी शशांक चौधरी ने बताया कि 02 करोड़ रुपए से अधिक लागत की परियोजनाओं की डीपीआर, डिजाईन, ड्राईंग जिला पेयजल एवं स्वच्छता मिशन द्वारा अपनी संस्तुति सहित राज्य पेयजल एवं स्वच्छता मिशन को उपलब्ध कराने का प्रावधान है। उन्होंने बताया कि आज की बैठक में प्रस्तुत सभी पाईप पेयजल परियोजनाएं सौर ऊर्जा से संचालित होगी। संबंधित कंपनी को 10 वर्ष का मेंटिनेन्स भी करना होगा। अधिशासी अभियंता जल निगम मुकेश पाल सिंह ने बताया कि 05 जून को जिलाधिकारी की अध्यक्षता वाली समिति ने 11 पाईप पेयजल योजनाएं स्वीकृत की है। मंगलवार की बैठक में 32 परियोजनाएं प्रस्तुत की गई। गाईडलाईन के अनुसार योजना की प्रति व्यक्ति लागत 06 हजार रखी गई है, लेकिन समस्त 32 नग परियोजनाओं की डीपीआर की औसतन प्रति व्यक्ति लागत 5819 रुपए है। जल जीवन मिशन अंतर्गत राज्य पेयजल एवं स्वच्छता मिशन द्वारा ग्रामीण पेयजल आपूर्ति हेतु चयनित फर्म मैसर्स पावर मैक प्रोजेक्ट एवं भूरतनम कन्स्ट्रक्शन हैदराबाद द्वारा राज्य पेयजल एवं स्वच्छता मिशन तथा जल निगम मुख्यालय द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार जनपद मेरठ में 32 नग पेयजल योजनाओं की डीपीआर प्रस्तुत की गई है। उन्होंने बताया कि डीपीआर की कुल लागत में वर्क कोस्ट, 02 प्रतिशत कन्टीजेन्सी, 12.50 प्रतिशत विभागीय सेन्टेज तथा 12 प्रतिशत जीएसटी को सम्मिलित किया गया है। उन्होंने बताया कि 10633.27 लाख रुपए की 32 परियोजनाओं पर बैठक में चर्चा हुई। इनमें ब्लाॅक जानी खुर्द की ग्राम पूठरी व काजमाबाद गून, ब्लाॅक सरूरपुर खुर्द का ग्राम सरूरपुर खुर्द, ब्लाॅक रोहटा के ग्राम शेखपुरी, गोविन्दपुर घसौली, कैथवाडी, ब्लाॅक सरधना के ग्राम कुशावली, जलालपुर अखेपुर, कपसाड़, अटेरना, ब्लाॅक दौराला के ग्राम दुल्हैडा चौहान, ब्लाॅक मेरठ के ग्राम बाजौट, बहादरपुर, छज्जूपुर, ब्लाॅक रजपुरा के ग्राम ज्ञानपुर, मुजफ्फरपुर सैनी, मेदपुर, कुनकुरा, नंगली आजमाबाद, आलमपुर बुजुर्ग, ब्लाॅक खरखौदा के ग्राम जसौरी, छतरी, खंदावली, रसुलपूर धन्तला, पांची, नालपुर, सादुल्लापुर उर्फ चंद्रपुरा, फकरपुर कबट्टा, ब्लाॅक हस्तिनापुर के ग्राम शाहपुर, ब्लाॅक माछरा के ग्राम दबथला, पसवाड़ा व ब्लाॅक मवाना के ग्राम किशनपुर बिराना में पाईप पेयजल योजनाएं है। इस अवसर पर जिला विकास अधिकारी डीएन तिवारी, जिला कृषि अधिकारी प्रमोद सिरोही, जिला पंचायत राज अधिकारी रेनू श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे। हिन्दुस्थान समाचार/कुलदीप

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