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पीएफआई कमांडर राशिद नए सदस्यों को देता था हथियार चलाने का प्रशिक्षण

-आठ साल से संगठन में जुड़कर जिलों-जिलों में जाकर बनाता था नये सदस्य -मिले दस्तावेज में भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने व देश विरोधी बातों का जिक्र लखनऊ, 15 मार्च (हि.स.)। जनपद बस्ती रेलवे स्टेशन से रविवार को गिरफ्तार किए गए पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआई) का ट्रेनिंग कमांडर मोहम्मद राशिद से पूछताछ में कई खुलासे हुए हैं। उसके सम्पर्क में उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों से तकरीबन 100 से अधिक युवक थे। वह महाराष्ट्र के पूना, परवनी, औरंगाबाद व नांदेड में पीएफआई के सक्रिय सदस्यों को बताता था कि दंगा कैसे फैलाना है। वह हिंदुवादी नेताओं की हत्या करने की ट्रेनिंग भी देता था। वह नए सदस्यों को प्रशिक्षित करने के साथ ही साथ जिलों में जाकर नवयुवकों को मोटिवेशन व फिजिकल ब्लैकमेल कर जोड़ने का काम करता था। अब एसटीएफ व सुरक्षा जांच एजेंसियों इन युवकों के बारे में पता लगा रही हैं। आठ साल से कर रहा काम कमांडर राशिद के पास से कुछ अहम जानकारी मिलने के साथ उसके पास से 12850 रुपये की पीएफआई की सदस्यता रसीद मिली है, जिसे कुछ दिन पहले उसने कटवाया था। पूछताछ में उसने बताया कि वह आठ साल से पीएफआई के लिए काम कर रहा था। ट्रेनिंग के दौरान असलहों इंतजाम उसके सदस्य करते थे। सईद चौधरी था राशिक का आका पूछताछ में आरोपित राशिद ने बताया कि सईद चौधरी उसका आका है। उसके इशारे पर वह काम करता है। वह अपनी विचारधारा को फैलाने के लिए वर्ग विशेष के शारीरिक रुप से मजबूत युवकों का ब्रेन वाश कर उन्हें हथियारों को चलाने का प्रशिक्षण देता है। उसने बताया कि पीएफआई संगठन के सक्रिय सदस्यों को महाराष्ट्र में विशेष तौर पर ट्रेनिंग देता था। देश विरोधी दस्तावेज मिले ट्रेनिंग कमांडर राशिद के पास से देश विरोधी दस्तावेज मिले है, जिसमें भारत 2047 में इस्लाम की शासन की ओर लिखा है। जिस पर लिखा है यह दस्तावेज वितरण के लिए नहीं है। दस्तावेज में भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने आदि की देश विरोधी बातों का विवरण है। विवादित बाबरी मस्जिद व अन्य दंगों से संबंधित चित्र अंकित हैं। उर्दू भाषा में लिखा एक छोटा पन्ना भी बरामद हुआ है। बरामद सीडी में पीएफआई के उदेश्य व ट्रेनिंग की पूरी जानकारी है। पिता थे झोलाछाप डॉक्टर राशिद मूलरुप से सिद्धार्थनगर के अतरी गांव का रहने वाला है। उसके पिता महमूद अली झोलाझाप डॉक्टर थे। पिता के पेशे को अब उसका भाई मोहम्मद खालिद आगे बढ़ा रहा है। जबकि तीसरा भाई मौलाना है जो पूना में रहकर लोगों को शिक्षा देने का कार्य करता है। सबसे छोटा भाई जुनेद घर पर ही रहता है। राशिद 11वीं तक पढ़ाई के बाद मुम्बई चला गया। वहां पर लोगों को दिखाने के लिए वह पीओपी(प्लास्टर आफ पेरिस) का काम करता था। मुम्बई जाने की फिराक में था राशिद एसटीफ के मुताबिक, राशिद 13 मार्च को ट्रेन से मुम्बई जाने वाला था। वह बस्ती से किसी अन्य साधन से लखनऊ फिर मुम्बई जाने की फिराक में था। उसकी तलाश में जुटे एसटीएफ से एसआई सत्येन्द्र विक्रम सिंह और टीम के साथ बस्ती पहुंचे और गोरखपुर की एसटीएफ यूनिट के साथ मोहम्मद राशिद को पकड़ लिया। हिन्दुस्थान समाचार/दीपक

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