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रेलवे नियमितीकरण घपले की सीबीआई जांच की मांग में याचिका

उत्तर मध्य रेलवे से जवाब तलब, सुनवाई 6 अप्रैल को प्रयागराज, 24 फरवरी (हि.स.)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर मध्य रेलवे प्रयागराज के 115 दैनिक कर्मियो के नियमितीकरण में घपला एवं उनके रिकार्ड नष्ट करने के मामले की सीबीआई से जाँच की मांग में दाखिल जनहित याचिका पर रेलवे से जवाब मांगा है। यह आदेश मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर तथा न्यायमूर्ति एस एस शमशेरी की खंडपीठ ने प्रदीप कुमार द्विवेदी की जनहित याचिका पर दिया है। याचिका में 1998 में नियमित किये गये 115 दैनिक कर्मियों की सूची मुहैया कराने तथा रेलवे अधिकारियों द्वारा वास्तविक कर्मियों के बजाय अपने लोगों को नौकरी देने और रिकार्ड नष्ट करने की सीबीआई से जांच की मांग की गयी है। याची का कहना है कि रेलवे ने 56 हजार कैजुअल लेबर को नियमित करने का फैसला लिया। इसकी आड़ में उत्तर मध्य रेलवे इलाहाबाद के अधिकारियों ने अपने लोगों की फर्जी नियुक्ति दिखाकर उन्हें नियमित कर दिया। इससे कई कर्मियों को नियमित होने के अधिकार से वंचित किया गया। उन कर्मियों की मदद सांसदों की चिट्ठी भी नहीं कर सकी। सूचना आयोग नियमित कर्मियों की जानकारी नहीं ले सका। रेलवे का बिजिलेन्स विभाग भी नियमित कौन हुए उनका पता लगाने में नाकाम रहा। रेलवे नियमित कर्मियों के रिकार्ड बीड आउट करने का बहाना बना इनके बारे मे कोई जानकारी नहीं दे रहा। मुट्ठीगंज प्रयागराज के मुकेश श्रीवास्तव ने तो राष्ट्रपति से इच्छा मृत्यु तक मांग ली, किन्तु कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही। जिस पर यह याचिका दाखिल कर जांच की मांग की गयी है। याचिका की अगली सुनवाई 6 अप्रैल को होगी। हिन्दुस्थान समाचार/आर.एन/दीपक

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