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जूनियर डॉक्टर और तीमारदारों में सामंजस्य से मरीजों को मिलेगा बेहतर इलाज : डॉ. सजय काला

- जीएसवीएम में पूर्व तैनाती का मिलेगा फायदा, विश्वास में लिया जाएगा मेडिकल स्टॉफ कानपुर, 24 जून (हि.स.)। गणेश शंकर विद्यार्थी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज (जीएसवीएम) में जूनियर डॉक्टर (जेआर) और तीमारदारों के बीच होने वाली तीखी नोकझोक व मारपीट की घटनाएं आम हो गई हैं। इसको देखते हुए मेडिकल कॉलेज के नवनियुक्त कार्यवाहक प्राचार्य डॉ. संजय काला ने चार्ज लेते हुए अपनी नीति को मीडिया के सामने रख दिया। उन्होंने साफ कहा कि मेरी प्राथमिकता में मरीजों को बेहतर इलाज मिलना है। इसके लिए जेआर और तीमारदारों में सामंजस्य बनाया जाएगा। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में अस्थि रोग में विभागध्यक्ष रहे डॉ. संजय काला का स्थानांतरण आगरा मेडिकल कॉलेज हो गया था। वहां पर इन दिनों कार्यवाहक प्राचार्य के रुप में भी कार्यरत हैं। शासन ने बुधवार को जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डा. आरबी कमल को उनको वापस इलाहाबाद मेडिकल कॉलेज भेज दिया। इसके साथ ही खाली हुए पद पर डॉ. संजय काला की तैनाती कार्यवाहक के रुप में कर दी। गुरुवार को डॉ. संजय काला ने डॉ. आरबी कमल से पदभार ग्रहण कर लिया। संक्षिप्त वार्ता में डॉ. काला ने कहा कि जीएसवीएम से भली भांति से परिचित हूं और मेरी प्राथमिकता यह होगी कि शहर के साथ दूर-दराज से आने वाले मरीजों को बेहतर इलाज मिल सके। इसके साथ ही उनके साथ आने वाले तीमारदारों को भी किसी भी प्रकार की परेशानियों का सामना न करना पड़े। जेआर और तीमारदारों के बीच होने वाली अक्सर घटनाओं के सवाल पर कहा कि जूनियर डॉक्टर नि:संदेह बहुत मेहनत करते हैं, कभी-कभार अधिक भार के चलते कोई जेआर चिड़चिड़ा भी हो जाता है। ऐसे में तीमारदारों को भी उनकी भावनाओं को समझना चाहिये। फिर भी मेरा प्रयास रहेगा कि जेआर और तीमारदारों में सामंजस्य बना रहे और मरीजों को बेहतर इलाज मिलता रहे। हिन्दुस्थान समाचार/महमूद/दीपक

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