सफाई कर्मचारियों को पूरा भुगतान करें आउटसोर्सिंग कंपनियां : सुरेन्द्र बाल्मीकि

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— विस्तारीकरण के आधार पर सफाई कर्मचारियों की संख्या निर्धारित करे नगर निगम कानपुर, 05 मार्च (हि.स.)। सफाई कर्मचारियों को वह सभी उपकरण उपलब्ध होने चाहिये जिससे उनके स्वास्थ्य पर प्रभाव न पड़े। इसके साथ ही यह भी बराबर शिकायतें आ रही हैं कि आउटसोर्सिंग कंपनियां सफाई कर्मचारियों को पूरा भुगतान नहीं कर रही हैं और लगभग सभी कंपनियां आधा ही वेतन दे रही हैं। यह पूरी तरह से योगी सरकार की नीति के खिलाफ है, अगर सफाई कर्मचारियों की दोबारा शिकायतें मिलती हैं तो संबंधित कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी। यह बातें शुक्रवार को शहर आये उत्तर प्रदेश सफाई कर्मचारी आयोग के अध्यक्ष सुरेन्द्र बाल्मीकि ने कही। उत्तर प्रदेश राज्य सफाई कर्मचारी आयोग के अध्यक्ष सुरेन्द्र बाल्मीकि ने शुक्रवार को जनपद का भ्रमण किया। उन्होंने सबसे पहले जिला अस्पताल उर्सला का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने सफाई कर्मचारियों की समस्याओं को गम्भीरता से सुना। मौके पर कर्मचारियों की मुख्य समस्या कम वेतन देना पाया गया। निरीक्षण के दौरान अवगत कराया गया कि आउटसोर्सिंग कंपनी बीएसएस सफाई कर्मचारियों को 6200 रुपये प्रतिमाह भुगतान कर रही है। प्रदेश सरकार द्वारा बी0एस0एस0 कंपनी को 1149431 रुपये भुगतान करती है, लेकिन कंपनी सफाई कर्मचारियों को 586471 रुपये भुगतान कर रही है। अध्यक्ष ने भुगतान में भिन्नता पाये जाने पर अप्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने इसके बाद महिला जिला चिकित्सालय डफरिन का निरीक्षण किया, वहां भी बीएसएस कंपनी के भुगतान में गहरी भिन्नता पाई गई। इसके बाद हैलट अस्पताल का निरीक्षण किया। अस्पताल में ठेकेदार कंपनी सर्विस मास्टर क्लीन लि0 के भुगतान में 262217 रुपये की भिन्नता पाई गई। उन्होंने कहा कि सफाई कर्मचारियों का वाजिब भुगतान नहीं करने वाली कम्पनियों को चिन्हित करते हुये ठोस कार्यवाही की जायेगी। आवश्यकता पड़ने पर संबंधित विभाग के अधिकारी व ठेकेदार के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करायी जायेगी। इस दौरान बृजेश सुवाडोर, शैलेश कुमार गौड़, रविशंकर, नीरज बाल्मीकी, हवेलकर, आदि मौजूद रहें। सर्किट हाउस में की समीक्षा बैठक आयोग के अध्यक्ष ने निरीक्षण के बाद सर्किट हाउस में समीक्षा बैठक की। यहां पर सामाजिक संगठनों के लोगों ने विभिन्न समस्याएं बतायी। उन्होंने कहा कि सफाई कर्मचारी समाज को स्वच्छ रखने का काम करते है। संबंधित अधिकारियों व ठेकेदारों को चाहिये की समाज के इन अन्तिम छोर के व्यक्तियों के उत्थान हेतु आगे आये। उन्होंने कहा कि सरकार ने तय किया है कि सीवर लाइन में कोई भी मैनुअल आदमी नहीं उतारा जाये। साथ ही सफाई कर्मचारियों को सुरक्षा उपकरण के सभी आवश्यक व्यवस्थायें सुनिश्चित कराते हुये उन्हें मुहैय्या कराई जाये। उन्होंने नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा0 अजय को निर्देशित किया कि सफाई कर्मचारियों को निर्धारित दर पर ही भुगतान किया जाये। उन्होंने नगर निगम के विस्तारीकरण के आधार पर सफाई कर्मचारियों की संख्या निर्धारित करने पर बल दिया। हिन्दुस्थान समाचार/अजय/मोहित

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