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नर्स सहायक भी है, सलाहकार भी और सम्माननीय भी : जिलाधिकारी

- कोविड-19 में काम करने वाली नर्सेज को मिलेगा प्रशस्ति पत्र झांसी, 11 मई (हि.स.)। जिलाधिकारी आंद्रा वामसी ने मंगलवार को नर्स दिवस के उपलक्ष में जनपद सहित विश्व की समस्त नर्सेज को शुभकामनाएं दी। उन्होंने मदर टेरेसा को याद करते हुए सभी नर्सेज को मां का दर्जा दिया और कहा कि वर्तमान में कोविड उपचाराधीन की देखभाल करनी हो, प्रवासियों की जांच करनी हो, कोविड पाजिटिव और गैर संक्रमित गर्भवती का सुरक्षित प्रसव कराना हो या सभी का सुलभ टीकाकरण करना हो, यह सभी चुनौतीपूर्ण कार्य नर्स के बिना संभव नहीं है। जिलाधिकारी ने कहा कि डॉक्टर के बाद यदि किसी की बड़ी जिम्मेदारी होती है तो वह नर्स की ही है। कोविड से लड़ाई में एक योद्धा की तरह कार्य कर रहे राजकुमार नर्स का नाम सुनते ही दिमाग में एक युवती की छवि बन जाती है, लेकिन जनपद में राजकुमार ऐसे पुरुष नर्स हैं जो कोविड के शुरुआत से ही एक योद्धा के रूप में कार्य कर रहे है। जनपद के तहसील शहरी प्राथमिक केंद्र पर नियुक्त राजकुमार वर्ष 2016 से जनपद में कार्यरत है, कोविड के दौरान उनकी ड्यूटि पैरामेडिकल से लेकर प्रवासी मजदूरों की जांच के लिए लगाई गयी, फिर जेल में मरीज निकलने के बाद उनकी ड्यूटी जेल में भी लगाई गयी, जहां वह कोविड पाजिटिव हो गए। उस समय उनके फेफड़ों में संक्रमण बढ़ जाने से उन्हे आईसीयू में भर्ती किया गया। स्वस्थ होते ही उन्होने फिर से काम करना शुरू कर दिया। जब पहली बार टीकाकरण शुरू हुआ था तब से ही राजकुमार की हर महत्वपूर्ण टीकाकरण में ड्यूटी लगाई जाती है। राजकुमार वर्तमान में टीकाकरण में अहम भूमिका निभा रहे है। घर से सैकड़ों मील दूर ज्योति निभा रहीं जिम्मेदारी कोविड के समय में गर्भवती को बेहतर सेवाएं देने में तत्परता से जुटीं ज्योति थॉमस केरल की निवासी है। वह वर्ष 2019 से जिला महिला अस्पताल झांसी में कार्यरत है। पिछले 15 दिनों में लगभग 30 महिलाओं का प्रसव करा चुकी है। ज्योति बताती है कि कोविड के समय में गर्भवती को सुचारु सुविधा देना हमारी प्रमुखता है, कई बार महिला कोविड के लक्षण के साथ होती है और उसका एंटीजन नकारात्मक आता है। ऐसे में गर्भवती, उसके बच्चे और खुद को भी सुरक्षित रखना चुनौतीपूर्ण कार्य होता है। पिछले 15 सालों से नर्स का कार्य कर रही है, कोविड के समय में निरंतर ड्यूटी कर रही है और पूरे कोविड अनुकूल प्रोटोकॉल अपनाने की वजह से अभी तक सुरक्षित है। नौकरी और परिवार के बीच सामंजस्य बैठाकर कर रही ड्यूटी बबीना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर कार्यरत कानपुर देहात निवासी अल्का पिछले छह वर्षों से जनपद में कार्य कर रही हैं। वह पति और बच्चों के साथ यही रह रही है, बहुत सतर्कता रखने के बाद भी पिछले साल पति कोरोना पाजिटिव हो गये थे, ऐसे में घर और बच्चों की जिम्मेदारी मुझ पर ही आ गयी थी। नियमित प्रयास के साथ उस स्थिति से उबर पाये। अब फिर से कोविड का संक्रमण बढ़ रहा है, ऐसे में यदि कोई गर्भवती कोविड लक्षण के साथ आती है तो उसका प्रसव पीपीई किट पहनकर कराते है। अस्पताल में गर्भवती के प्रसव का मामला हो या कोविड अस्पताल में ड्यूटी करने का। दोनों जगह पूरी तन्मयता से ड्यूटी कर रहे हैं। कोरोना काल में गर्भवतियों को भी परेशानी हो रही है। ऐसे में अस्पताल आने वाली गर्भवती की ढांढस बांधने के साथ उन्हें कब क्या दवाइयां लेनी है, कैसे अपना और बच्चे का बचाव करना है इसकी जानकारी देती है। हिन्दुस्थान समाचार/महेश

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