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पंचायत चुनाव में स्वतंत्रता सेनानी के आश्रितों को आरक्षण देने का कोई कानून नहीं : हाईकोर्ट

प्रयागराज, 28 जनवरी (हि.स)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि ग्राम पंचायत चुनाव स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के आश्रितों के लिए आरक्षण देने का कोई प्राविधान नहीं है। ऐसे में आश्रित को आरक्षण का लाभ देने का आदेश नहीं दिया जा सकता है। अलीगढ़ के अजय पाल सिंह की याचिका खारिज करते हुए यह निर्णय न्यायमूर्ति एस.पी केसरवानी और न्यायमूर्ति डॉ. वाई.के श्रीवास्तव की पीठ ने दिया है। याची का कहना था कि आगामी ग्राम पंचायत चुनाव में गनगिरी जिला पंचायत अलीगढ़ को स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के आश्रित हेतु आरक्षित किया जाए। याची ने इस सम्बंध में जिला निर्वाचन अधिकारी, जिलाधिकारी को प्रत्यावेदन दिया था। मगर उस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया। कोर्ट ने कहा कि याची के दावे को संविधान के अनुच्छेद 243डी के परिपेक्ष्य में देखे जाने की आवश्यकता है। इसके मुताबिक ग्राम पंचायतों में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग तथा महिलाओं को आरक्षण देने की व्यवस्था की गई है। ऐसा इसलिए किया गया है ताकि हाशिए पर रह रहे लोगों को स्थानीय सरकार में उचित प्रतिनिधित्व दिया जा सके और वे लोकतंत्र की विकेंद्रीकरण प्रक्रिया में भाग ले सकें। जबकि याची सेनानी आश्रितों को आरक्षण देने के लिए ऐसा कोई उद्देश्य या उपबंध हमारे सामने नहीं रख सका। संविधान के नौवें भाग में वार्णित अनुच्छेद 243डी में सेनानी आश्रितों के लिए आरक्षण की कोई व्यवस्था नहीं है। ऐसे में याची के दावे का कोई वैधानिक आधार नहीं है। हिन्दुस्थान समाचार/आर.एन-hindusthansamachar.in

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