no-intervention-on-return-of-army-officer-from-training-academy
no-intervention-on-return-of-army-officer-from-training-academy

सेना अधिकारी की ट्रेनिंग एकेडमी से वापसी पर हस्तक्षेप नहीं

सेना के अलावा अन्य नौकरी करने की छूट प्रयागराज, 23 फरवरी (हि.स.)। इलाहाबाद हाईकोर्ट की खंडपीठ ने सेना के अधिकारी की प्रशिक्षण एकेडमी से आर्मी ट्रेनिंग कमांड द्वारा वापस बुलाने के मामले में हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया है। किन्तु एकल पीठ द्वारा याचिका खारिज करने के आदेश को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि याचिका खारिज होने से याची को मिले दंड की पुष्टि हो जायेगी और उसे एकेडमी में बिताये समय के खर्च का भुगतान करना पड़ेगा, जो उचित नहीं है। कोर्ट ने कहा है कि याची को 256059 रूपये नहीं भरने होंगे और वह आर्मफोर्स के अलावा अन्य विभाग में नौकरी कर सकेगा। इस पर कोई रोक नहीं रहेगी। यह आदेश मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर तथा न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा की खंडपीठ ने रजत एटम की विशेष अपील आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए दिया है। अपील पर याची ने स्वयं बहस की। याची सेना में भर्ती हुआ और अधिकारी प्रशिक्षण एकेडमी में भेजा गया। तीन बार मानक परीक्षा में असफल रहा तो उसे वापस कर दिया गया। उसका कहना था कि यह दंड है। जिससे उसका कैरियर बर्बाद हो जायेगा। वह अधिकारी नहीं बन सकेगा। सरकार का कहना था कि अनुशासन की नीति है। जो सुधारात्मक है, दंडात्मक नहीं है। तीन श्रेणियां है, प्रतिबंध, नियमन और वापसी। याची ने न्यूनतम स्टैंडर्ड पूरा नहीं किया। इसलिए उसे वापस किया गया है। हिन्दुस्थान समाचार/आर.एन/दीपक

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in