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मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना अनाथ हुए बच्चों के लिए बनी पालनहार

-चिंहित 162 बच्चों में 110 के माता पिता की हुई मृत्यु,अन्य बच्चों को स्पॉन्सरशिप योजना में लाभ मिलेगा वाराणसी, 16 जून (हि.स.)। कोरोना महामारी के दूसरे लहर में अपने माता-पिता को खो चुके बच्चों का पालनहार उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना बन गई है। इस योजना के तहत 61 बच्चों के आवेदन पत्र समिति के द्वारा स्वीकृत किए गए। जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा की अध्यक्षता में बुधवार को जनपद स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक में जिला प्रोबेशन अधिकारी प्रवीण त्रिपाठी ने बताया कि कुल 162 बच्चे चिन्हित किए गए हैं, जिसमें 110 बच्चे ऐसे पाए गए हैं, जिनके माता-पिता की कोविड-19 के कारण मृत्यु हुई है। 110 में से 97 बालक बालिकाएं ऐसे हैं जिनके पिता की मृत्यु हुई है। तथा 10 बालक बालिकाओं के माता की मृत्यु हुई है। कुल 3 बालिकाएं ऐसी हैं जिनके माता तथा पिता दोनों की मृत्यु हो चुकी है। जिला प्रोबेशन अधिकारी ने बैठक में बताया कि 52 बालक बालिकाओं में उनके माता-पिता के कोविड-19 से मृत्यु होने के कोई साक्ष्य उपलब्ध नहीं पाए गए। जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि इन बच्चों को स्पॉन्सरशिप योजना से आच्छादित किया जाएं। गौरतलब है कि महामारी से प्रभावित माता-पिता को अथवा माता या पिता में से किसी एक को खो चुके बच्चों को मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के अंतर्गत लाभान्वित करने के लिए समिति गठित की गई है। बैठक में समिति के समक्ष 61 बालक बालिकाओं का आवेदन पत्र को लेकर चर्चा हुई। आवेदन पत्र संबंधित उप जिलाधिकारी तथा खंड विकास अधिकारी द्वारा सत्यापित एवं संस्तुति सहित अग्रसारित हैं को स्वीकृति के लिए प्रस्तुत किया गया। समिति ने सभी आवेदन पत्रों की स्वीकृति प्रदान कर दी। बैठक में बाल संरक्षण अधिकारी निरुपमा सिंह,अध्यक्ष बाल कल्याण समिति मनोज मिश्रा, केंद्र प्रबंधक वन स्टॉप सेंटर रश्मि दुबे, जिला कार्यक्रम अधिकारी मौजूद रहे। हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर

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