मुख्तार से कनेक्शन की पुलिस थ्योरी फेल, मछली व्यवसाई की जमानत जिला जज ने किया मंजूर
जौनपुर, 15 जुलाई (हि.स.)। मुख्तार से कनेक्शन बताकर एवं प्रतिबंधित मछली बरामद होना दिखाकर आरोपी मछली व्यवसाई रविन्द्र निषाद का चालान कर जेल भेजने की पुलिस की थ्योरी फेल हो गई। जिला जज ने बुधवार को रविन्द्र को पचास-पचास हजार की दो जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया। विवेचक पर सख्त टिप्पणी किया कि उन्होंने ऐसी कोई रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं किया कि बरामद मछली हानिकारक थी और उसे खाने से कौन-कौन बीमार हुआ। आरोपी का कोई अपराधिक इतिहास भी नहीं है, इसलिए उसकी जमानत मंजूर की जाती है। आरोपी के अधिवक्ता ने तर्क दिया कि रविन्द्र को फर्जी ढंग से रंजिश वश फंसाया गया है। उसके पास प्रतिबंधित मांगुर मछली बरामद ही नहीं हुई थी। वह मछली व्यवसाई है और उसके पास मछली बेचने का लाइसेंस है। मुख्तार अंसारी से उसका कोई सम्बंध नहीं है। एफआइआर में जो पुलिस ने दिखाया है कि आरोपी ने स्वीकार किया कि उसका मुख्तार अंसारी से सम्बंध है वह बिल्कुल गलत और पुलिस द्वारा मनगढ़ंत फर्जी ढंग से चालान करने के लिए अपने मन से लिखाई गई है। कोतवाली पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कराया था कि 3 जुलाई 2020 को 11 बजे दिन जोगियापुर मोहल्ले में मुखबिर की सूचना पर आरोपी रविन्द्र के घर छापा मारा तो उसके बरामदे से आंध्र प्रदेश से आई 25 किलो मांगुर मछली बरामद हुई, जिसे खाने से गंभीर बीमारी होती है। इसके अलावा 200 पेटी अन्य मछली भी बरामद हुई जो हानिकारक नहीं थी। पुलिस के अनुसार आरोपी ने उसे बताया है कि वह मुख्तार अंसारी का वर्षों पुराना सहयोगी है। उनके लिए काम करता है जबकि जमानत प्रार्थना पत्र में आरोपी ने पुलिस द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर में उसके बयान को झूठा एवं मनगढ़ंत बताया। कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद आरोपी की जमानत मंजूर कर दी। हिन्दुस्थान समाचार/विश्व प्रकाश/विद्या कान्त-hindusthansamachar.in