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मौनी अमावस्या पर्व : कासगंज में श्रद्धालुओं ने गंगा में लगाई आस्था की डुबकी

कासगंज 11 फरवरी (हि.स.)। कासगंज के उत्तरी भाग से गुजर रही पतित पावनी गंगा घाटों एवं सोरों स्थित हरिपदी गंगा घाट पर गुरुवार की सुबह से ही श्रद्धालुओं के पहुंचने का सिलसिला प्रारंभ हो गया। यहां गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं ने मौनी अमावस्या के पर्व के अवसर पर गंगा में आस्था की डुबकी लगाकर पुण्य लाभ प्राप्त किया। श्रद्धालुओं ने अपनी स्वेच्छा अनुसार दान दक्षिणा भी साधु-संतों को प्रदान की। गंगा घाटों पर पहुंचे श्रद्धालुओं ने सबसे पहले गंगा में स्नान कर घाटों पर मौजूद ब्राह्मणों पुरोहितों एवं गरीब लोगों को दान दक्षिणा दी इसके अलावा घाटों पर स्थित मंदिरों में भी विधि विधान पूर्वक पूजा अर्चना कर पूर्ण लाभ कमाया। जनपद में स्थित कछला गंगा घाट लहरा गंगा घाट कादरगंज गंगा घाट एवं हर पति सोरों गंगा घाट पर उत्तर प्रदेश के अलावा दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, उत्तरांचल, सहित अन्य प्रदेशों के भी हजारों लोगों ने आस्था की डुबकी लगाई है। माघ माह की मोनी अमावस्या को लेकर यहां के ज्योतिषी पंडित गौरव दीक्षित बताते हैं कि माघ माह की अमावस्या को मौनी अमावस्या के नाम से जाना जाता है। शास्त्रीय मान्यता है कि इस अमावस्या के दिन मौन रहकर व्रत और भगवत भक्ति करने से अनेक प्रकार की सिद्धियां प्राप्त होती हैं। अमावस्या का गुरुवार और श्रवण नक्षत्र के योग में आना अशुभ फलों में कमी लाएगा। मौनी अमावस्या के दिन प्रयागराज में त्रिवेणी संगम में स्नान-दान, शूकर क्षेत्र सोरों जी में वराह गंगा में स्नान, हरिद्वार, शिप्रा, नर्मदा, यमुना सहित अन्य पवित्र नदियों में स्नान-दान करने का बड़ा महत्व है। इस पूरे दिन मौन रहना चाहिए। गंगा भक्त समिति के अध्यक्ष सतीश चंद भारद्वाज ने जानकारी देते हुए बताया है कि गंगा घाट पर पहुंचे श्रद्धालुओं के लिए प्रशासनिक व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त देखी गई है। यहां कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस की तैनाती रही। इसके अलावा नगर पालिका परिषद सोरों एवं कछला नगर पंचायत द्वारा घाटों पर साफ सफाई की विशेष व्यवस्था कराई गई। घाटो के आस-पास गुरुवार को सुबह से लेकर देर शाम तक मेले जैसा माहौल बना रहा। हिन्दुस्थान समाचार/ पुष्पेंद्र-hindusthansamachar.in

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