वाराणसी में दो हजार से अधिक संक्रमित मिले, 843 मरीज स्वस्थ
वाराणसी, 17 अप्रैल (हि.स.)। वाराणसी में कोरोना की दूसरी लहर बेकाबू होकर अब कहर बरपाने लगी है। संक्रमण के लगातार फैलने से मरीजों की बढ़ती मौत की संख्या के बाद भी लोग अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग नहीं दिख रहे। जिला प्रशासन और व्यापारी संगठनों के पहल से शनिवार से लागू दो दिवसीय सप्ताहांत बंदी में भी 2272 नये कोरोना संक्रमित मरीज मिले। जिसमें पांच मरीजों की मौत भी हो गई। मेडिकल बुलेटिन के अनुसार कुल 843 मरीजों को स्वस्थ घोषित कर डिस्चार्ज भी किया गया। इसमें होम आइसोलेशन से 842 और एक मरीज अस्पताल से स्वस्थ्य हुआ। सक्रिय मरीजों की संख्या 14538 है। अब तक वैश्विक महामारी से जिले में 427 लोगों ने दम तोड़ दिया। चिकित्सकों के अनुसार कोरोना की दूसरी लहर लगातार भयावह होती जा रही है। संक्रमित मरीजों की संख्या रोजाना नए रिकॉर्ड बना रही है। खास बात ये है कि इस वायरस पिछले वर्ष की तुलना में अधिक घातक है। इसका संक्रमण इतनी तेजी से फैल रहा है कि लोगों को संभलने का समय नहीं मिल पा रहा है। टेस्ट रिपोर्ट आने के पहले ही कई मरीज दम तोड़ दे रहे हैं। हरिश्चन्द्र घाट पर अंतिम संस्कार के लिए जगह कम पड़ रही वाराणसी में कोरोना की दूसरी लहर लोगों को संभलने का मौका दिये बगैर मौत के मुंह में ढकेल रही है। वाराणसी के हरिश्चन्द्र घाट पर अब शवदाह के लिए लोगों को कई-कई घंटे इंतजार करना पड़ रहा है। हरिश्चन्द्र घाट पर प्रतिदिन दर्जनों शव अन्तिम संस्कार के लिए लाये जा रहे है। शवों की अधिक संख्या देख घाट पर कोरोना संक्रमित और सामान्य दोनों प्रकार के शवों का अन्तिम संस्कार अगल-बगल हो रहा है। घाट पर स्थित विद्युत शवदाह गृह में दाह संस्कार कराने वालों की भीड़ बढ़ रही है। प्राकृतिक शवदाह गृह की गैलरी भी लाशों से भर जा रही है। यहां दो चिमनी पर शव जलाई जाती है। इसलिए मृतकों के परिजनों को देर तक इंतजार करना पड़ रहा है। हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर